नई दिल्ली, 4 अक्टूबर 2025। Chhath Puja in Delhi 2025: राजधानी दिल्ली में पूर्वांचली समुदाय के बीच इस पर्व को लेकर खासा उत्साह व्याप्त है। दिल्ली सरकार ने इस बार छठ महोत्सव को और अधिक भव्य, सुरक्षित तथा व्यवस्थित बनाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं। सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (आईएंडएफसी) ने यमुना नदी के किनारों सहित शहर के प्रमुख क्षेत्रों में कम से कम 100 अस्थायी घाट चिन्हित किए हैं। ये घाट श्रद्धालुओं को नदी किनारे सूर्य उपासना का अवसर प्रदान करेंगे, जहां वे पारंपरिक रूप से अस्तु विसर्जन और आराधना करेंगे।
अधिकारियों के अनुसार, घाटों की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। सुरक्षा व्यवस्था, सफाई अभियान, अस्थायी शेड, प्राथमिक चिकित्सा केंद्र और अन्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) की टीम मुख्य रूप से कालिंदी कुंज जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में यमुना के पानी से उत्पन्न होने वाले सफेद झाग को हटाने का कार्य संभालेगी, ताकि पूजा स्थल प्रदूषण मुक्त रहें। इसके अलावा, कुछ पुराने घाटों का पुनर्विकास भी किया जा रहा है, जबकि अगले कुछ दिनों में और अधिक स्थानों की पहचान कर घाट स्थापित करने की योजना है। इससे अधिक से अधिक भक्त सुविधाजनक ढंग से पूजा अर्चना कर सकेंगे।
छठ पूजा मुख्यतः बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड से आए प्रवासियों का प्रमुख त्योहार है। दिल्ली की विशाल पूर्वांचली आबादी इस पर्व को पारिवारिक एकता और प्रकृति पूजा के रूप में मनाती है। चार दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में नहाय-खाय, खरना, संध्या आरघ और उषा कांउड़ जैसे अनुष्ठान शामिल होते हैं। दिल्ली सरकार का यह प्रयास न केवल सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करेगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने पहले ही घोषणा की है कि इस वर्ष छठ को ऐतिहासिक स्तर पर योजनाबद्ध तरीके से आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यमुना के दोनों तटों पर अस्थायी घाट बनाकर पूर्वांचलवासियों को बिना किसी रुकावट के पूजा का सुख मिलेगा। हमारा लक्ष्य है कि यह पर्व दिल्ली में एक अनुशासित, आनंदमय और सुरक्षित अनुभव बने।”मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और सिंचाई मंत्री प्रवेश वर्मा स्वयं आईटीओ घाट जैसी प्रमुख साइटों का निरीक्षण करेंगे। यह घाट दिल्ली के सबसे बड़े घाटों में से एक होगा, जहां हजारों श्रद्धालु एकत्र होंगे।
विभागीय टीमों ने सुनिश्चित किया है कि घाटों पर विद्युत व्यवस्था, जल आपूर्ति और आपातकालीन सेवाएं उपलब्ध रहें। पिछले वर्षों की तुलना में इस बार की तैयारियां अधिक व्यापक हैं, जो दिल्ली को छठ पूजा का एक प्रमुख केंद्र बनाने में सहायक सिद्ध होंगी।इस प्रकार, दिल्ली सरकार की यह पहल न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करेगी, बल्कि सामाजिक सद्भाव को भी बढ़ावा देगी। पूर्वांचली समुदाय के लिए यह पर्व केवल पूजा नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक है। उम्मीद है कि इन व्यवस्थाओं से छठ 2025 एक यादगार उत्सव के रूप में उभरेगा।
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