नोएडा, 26 अगस्त 2025। यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (YEIDA) को इंडस्ट्रियल प्लॉट आवंटन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, विशेष रूप से 31 जुलाई 2025 को समाप्त हुई योजना के संदर्भ में। इस योजना के तहत 42 इंडस्ट्रियल प्लॉट्स (5 बड़े और 37 छोटे) और 19 मिक्स्ड लैंड यूज प्लॉट्स की पेशकश की गई थी।
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हालांकि, 528 छोटे और 75 बड़े प्लॉट्स के लिए आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन आवंटन प्रक्रिया में कई रुकावटें सामने आईं।पहली बड़ी चुनौती भूमि अधिग्रहण की है। YEIDA ने सेक्टर 28, 29, 32, और 33 जैसे क्षेत्रों में 80% भूमि अधिग्रहण कर लिया है, लेकिन शेष 20% भूमि को लेकर किसानों के साथ विवाद बरकरार है। ये विवाद सेक्टर 28 के मेडिकल डिवाइस पार्क और सेक्टर 29 के अपैरल पार्क जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स में बाधा डाल रहे हैं।
इसके अलावा, बुनियादी ढांचे की कमी, जैसे ड्रेनेज, पानी की आपूर्ति, सड़कें और सीवेज नेटवर्क, ने उद्यमियों को निर्माण शुरू करने से रोका है। कैग की एक हालिया रिपोर्ट ने भी YEIDA की आवंटन प्रक्रिया पर सवाल उठाए, जिसमें पारदर्शिता की कमी और बड़े प्लॉट्स के लिए साक्षात्कार-आधारित आवंटन की आलोचना की गई। इससे 81% आवंटियों को प्लॉट्स की पजेशन नहीं मिली, जिससे औद्योगिक विकास में देरी हुई।
YEIDA ने इन देरी को अधूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और कानूनी मुद्दों से जोड़ा, लेकिन कैग ने इसे खराब नियोजन का परिणाम बताया। YEIDA अब किसानों के साथ सीधी बातचीत और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर ध्यान दे रही है। अथॉरिटी ने गैर-कार्यशील इकाइयों के खिलाफ सख्ती और नियमों का पालन सुनिश्चित करने की योजना बनाई है। इन प्रयासों से औद्योगिक विकास को गति मिलने की उम्मीद है।
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