गोंडा, 13 अगस्त 2025। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और बीजेपी सांसद कीर्तिवर्धन सिंह की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ जालसाजी, फर्जी बैनामा और धमकी देने के गंभीर आरोपों में FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। यह आदेश सिविल जज (सीनियर डिवीजन) अपेक्षा सिंह की अदालत ने अजय सिंह के प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के बाद दिया।
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अजय सिंह ने आरोप लगाया कि कीर्तिवर्धन सिंह, उनके प्रतिनिधि राजेश सिंह, सहदेव यादव, पिंकू और कांति सिंह ने उनकी पत्नी मनीषा सिंह की बैनामाशुदा जमीन को फर्जी तरीके से दोबारा बेच दिया।अजय सिंह के अनुसार, आरोपियों ने बैकडेटेड स्टांप पेपर का उपयोग कर विक्रेता बिट्टन देवी को दबाव और प्रलोभन में लेकर 16 डिसमिल जमीन मिथिलेश रस्तोगी के नाम और शेष जमीन कांति सिंह के नाम दर्ज करा दी। जब अजय सिंह ने इस फर्जीवाड़े का विरोध किया, तो आरोपियों ने उनकी जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की और उन्हें जान से मारने तथा फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी।
शिकायत पर कोई कार्रवाई न होने पर अजय सिंह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। कोर्ट ने साक्ष्यों और दलीलों की समीक्षा के बाद मनकापुर कोतवाली पुलिस को 15 दिनों के भीतर FIR दर्ज कर जांच शुरू करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।यह मामला गोंडा के मनकापुर कोतवाली क्षेत्र के भिटौरा गांव से जुड़ा है।
कीर्तिवर्धन सिंह, जो गोंडा से बीजेपी सांसद भी हैं, पर लगे इन आरोपों ने स्थानीय और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। इन संगीन आरोपों से उनकी सार्वजनिक छवि पर असर पड़ सकता है। यह मामला कानूनी और राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है और आने वाले दिनों में और चर्चा में रह सकता है।
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