नई दिल्ली, 10 नवंबर 2025। Business News: सोने-चांदी की चमक से थक चुके निवेशकों के लिए एक नई उम्मीद बनी है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि प्लेटिनम अगले दशक में निवेश का सबसे मजबूत विकल्प बनकर उभरेगा। चॉइस ब्रोकिंग की कमोडिटी रिसर्च एनालिस्ट कविता मोरे ने मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में कहा कि 2025 और उसके बाद प्लेटिनम की मांग लगातार मजबूत रहेगी। इस साल अब तक इसकी कीमत में 70 प्रतिशत की तेजी आ चुकी है, जो सोने (लगभग 25%) और चांदी (40%) से कहीं ज्यादा है।
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प्लेटिनम की बढ़ती लोकप्रियता के पीछे वैश्विक ट्रेंड्स हैं। ऑटोमोबाइल उद्योग में डीजल वाहनों के कैटेलिटिक कन्वर्टर के लिए इसकी मांग 40% से अधिक है, जो प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी है। हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहनों (FCEV) और हरित ऊर्जा परियोजनाओं में भी इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है। दक्षिण अफ्रीका और रूस जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में खनन बाधित होने से सप्लाई चेन प्रभावित है, जिससे हर साल 5 लाख से 8.5 लाख औंस की कमी का अनुमान है।

मोरे के अनुसार, 2035 तक इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के दौर में प्लेटिनम की भूमिका और मजबूत होगी, क्योंकि बैटरी के अलावा फ्यूल सेल टेक्नोलॉजी में यह सोने से सस्ता और कुशल साबित हो रहा है। भारत में प्लेटिनम का बाजार अभी उभर रहा है। ज्वेलरी सेक्टर में सफेद सोने जैसी चमक के लिए इसका उपयोग बढ़ा है, जबकि औद्योगिक मांग 60% है।
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETFs) के जरिए निवेश आसान हो गया है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि लॉन्ग-टर्म इनवेस्टर्स के लिए यह ‘व्हाइट गोल्ड’ साबित होगा, क्योंकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में हरित संक्रमण और इंफ्रास्ट्रक्चर बूम से इसकी कीमत 50-100% उछाल मार सकती है। हालांकि, शॉर्ट-टर्म उतार-चढ़ाव का खतरा है, इसलिए डाइवर्सिफिकेशन जरूरी।
कुल मिलाकर, प्लेटिनम सोना-चांदी को पछाड़ने को तैयार है। अगर आप अगले 10 सालों के लिए प्लानिंग कर रहे हैं, तो यह धातु आपका वित्तीय कुबेर साबित हो सकती है। निवेश से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।
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