नई दिल्ली, 27 सितंबर 2025। Bullet Train: भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना, अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर, तेजी से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 26 सितंबर 2025 को इस मेगा प्रोजेक्ट पर महत्वपूर्ण अपडेट साझा किया। उन्होंने बताया कि 508 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है, और 2026 तक पहला खंड शुरू होने की उम्मीद है।
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यह ट्रेन 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी, जो भारत में रेल यात्रा को क्रांतिकारी बना देगी। पलक झपकते ही लंबी दूरी तय करने की इसकी क्षमता इसे “बुलेट” का असली हकदार बनाती है। रेल मंत्री ने बताया कि सूरत और बिलिमोरा के बीच 50 किलोमीटर का खंड लगभग तैयार है, और इसका ट्रायल रन जल्द शुरू होगा। इस प्रोजेक्ट में 250 किलोमीटर से अधिक ट्रैक बिछाया जा चुका है, जिसमें 12 स्टेशनों का निर्माण शामिल है।
बुलेट ट्रेन का डिजाइन जापान की शिंकनसेन तकनीक पर आधारित है, जो सुरक्षा, गति और आराम का बेजोड़ संगम है। ट्रेन में 10 कोच होंगे, जिनमें 750 यात्री सफर कर सकेंगे। इसमें बिजनेस और स्टैंडर्ड क्लास के साथ आधुनिक सुविधाएं जैसे वाई-फाई, एर्गोनोमिक सीट्स और ऑनबोर्ड कैटरिंग उपलब्ध होंगी। वैष्णव ने बताया कि परियोजना में अब तक 1.08 लाख करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, और कुल लागत 1.6 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) इस प्रोजेक्ट को 0.1% ब्याज दर पर सॉफ्ट लोन दे रही है। गुजरात और महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण का 98% काम पूरा हो चुका है, और 20,000 से अधिक श्रमिक दिन-रात काम कर रहे हैं। प्रोजेक्ट में 6 नदियों पर पुल और समुद्र के नीचे 7 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण भी शामिल है, जो तकनीकी रूप से जटिल है।रेल मंत्री ने जोर देकर कहा कि यह परियोजना न केवल यात्रा के समय को कम करेगी (मुंबई-अहमदाबाद की यात्रा 2 घंटे में), बल्कि पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगी।
बुलेट ट्रेन कार्बन उत्सर्जन को 30% तक कम करेगी और क्षेत्र में रोजगार सृजन को बढ़ावा देगी। स्थानीय स्तर पर 90,000 नौकरियां और तकनीकी प्रशिक्षण के अवसर पैदा हुए हैं। प्रोजेक्ट को 2028 तक पूरी तरह चालू करने का लक्ष्य है।वैष्णव ने विपक्ष के “विलंब” के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि यह जटिल परियोजना समय पर प्रगति कर रही है। उन्होंने इसे “मेक इन इंडिया” का प्रतीक बताया, क्योंकि 90% से अधिक उपकरण भारत में निर्मित हो रहे हैं। यह बुलेट ट्रेन भारत की रेल प्रणाली को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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