लखनऊ, 9 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर में अवैध धर्मांतरण के मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा कदम उठाया है। ED ने छांगुर बाबा और उनके सहयोगियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है और उनकी 100 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, इस फंडिंग के तार खाड़ी देशों और इस्लामिक राष्ट्रों से जुड़े हैं, जिसने जांच एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है।
छांगुर बाबा, जो कभी अंगूठी और नग बेचकर गुजारा करता था, आज 100 करोड़ रुपये की संपत्ति का मालिक है। यूपी ATS और STF की संयुक्त कार्रवाई में उसकी गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ कि वह हिंदू लड़कियों और परिवारों को निशाना बनाकर अवैध धर्मांतरण करवाता था। इसके लिए उसने 40 से अधिक बैंक खातों का इस्तेमाल किया, जिनमें से कई फर्जी नामों पर खोले गए थे। इन खातों के जरिए विदेशी फंडिंग को भारत में लाया गया और लग्जरी गाड़ियों, शोरूम, बंगलों और पुणे में एक बड़ी संपत्ति की खरीद में निवेश किया गया।
ED की जांच और बुलडोजर की कार्रवाई
ED ने छांगुर बाबा के एक दर्जन बैंक खातों को अपने रडार पर लिया है। जांच में पता चला कि उसने फर्जी ट्रस्ट बनाकर दुबई सरकार से प्रमाणपत्र हासिल किया, बिना वहां गए। इस फंडिंग का इस्तेमाल कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी गतिविधियों और धर्मांतरण के लिए किया गया। साथ ही, बलरामपुर प्रशासन ने छांगुर की उतरौला में सरकारी जमीन पर बनी आलीशान कोठी को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया है। मंगलवार को इस कोठी पर बुलडोजर चलाया गया, जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपराधियों की संपत्ति जब्त करने की नीति के तहत सख्त कार्रवाई का हिस्सा बताया।
ATS का खुलासा: जाति के आधार पर तय थी रकम
ATS की पूछताछ में छांगुर बाबा ने सनसनीखेज खुलासे किए। उसने बताया कि धर्मांतरण के लिए जाति के आधार पर रकम तय की जाती थी। एक खास धार्मिक समूह की लड़कियों को निशाना बनाया जाता था, और इसके लिए विदेशी फंडिंग का एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा था। ATS ने छांगुर की सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन को भी गिरफ्तार किया है, जिसके खिलाफ बलरामपुर, लखनऊ और अंबेडकर नगर में कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।
राजनीतिक विवाद और NSA की कार्रवाई
इस मामले ने राजनीतिक तूल भी पकड़ा है। BJP सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया कि छांगुर बाबा और नसरीन को वोट बैंक की सियासत के लिए सैकड़ों करोड़ रुपये दिए गए। उन्होंने इसे हिंदुओं और नेपाल में धर्मांतरण का बड़ा षड्यंत्र करार दिया। दूसरी ओर, कुछ लोगों ने सवाल उठाया कि कार्रवाई केवल एक समुदाय पर ही क्यों हो रही है। इस बीच, छांगुर बाबा पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत भी कार्रवाई की गई है, जिससे उसकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
आगे क्या?
ED अब छांगुर बाबा की संपत्तियों की कुर्की और विदेशी फंडिंग के स्रोतों की गहन जांच कर रही है। जांच एजेंसियां यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है। बलरामपुर पुलिस और प्रशासन ने साफ कर दिया है कि अवैध गतिविधियों में शामिल किसी भी शख्स को बख्शा नहीं जाएगा। यह मामला उत्तर प्रदेश की सियासत में भी हलचल मचा सकता है, क्योंकि धर्मांतरण और विदेशी फंडिंग जैसे मुद्दे हमेशा से संवेदनशील रहे हैं।