नई दिल्ली, 12 सितंबर 2025। Bomb Threat: राजधानी दिल्ली के उच्च न्यायालय में शुक्रवार को एक ईमेल के जरिए बम की धमकी मिलने से पूरे परिसर में हड़कंप मच गया। धमकी भरे संदेश में लिखा था कि “दिल्ली हाईकोर्ट में बम है, नमाज के बाद होगा विस्फोट।” इस सूचना के तुरंत बाद जजों ने अपनी सुनवाइयां रोक दीं और बेंचें कुछ समय के लिए उठा ली गईं। सुरक्षा एजेंसियां फौरन सक्रिय हो गईं, जिससे कोर्ट में मौजूद वकील, कर्मचारी और याचिकाकर्ता घबराहट में परिसर से बाहर निकल आए।
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यह घटना दिल्ली में हालिया बम धमकियों की श्रृंखला का हिस्सा लग रही है, जहां स्कूलों, मॉल और अन्य संस्थानों को भी इसी तरह की धमकियां मिल चुकी हैं।घटना की जानकारी मिलते ही दिल्ली पुलिस की विशेष यूनिट, बम निरोधक दस्ता (बॉम्ब स्क्वॉड), डॉग स्क्वॉड और क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) कोर्ट पहुंच गई। उन्होंने पूरे परिसर की सघन तलाशी शुरू कर दी, जिसमें जजों के चैंबर, लाइब्रेरी, रिकॉर्ड रूम और प्रवेश द्वारों को विशेष रूप से जांचा गया। सूत्रों के अनुसार, ईमेल रजिस्ट्रार जनरल के आधिकारिक पते पर भेजा गया था, जिसमें धमकी देने वाले ने विस्फोट की समयसीमा भी बताई। कोर्ट प्रशासन ने तुरंत साइबर सेल को सूचित किया, जो ईमेल के IP एड्रेस और ट्रेस करने में जुट गई है। फिलहाल, कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है, लेकिन जांच जारी है।
सुरक्षा व्यवस्था बढ़ी
इस धमकी के बाद दिल्ली हाईकोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त कर दिया गया। प्रवेश द्वारों पर फ्रिस्किंग बढ़ा दी गई, सीसीटीवी फुटेज की निगरानी तेज हो गई और ड्रोन के जरिए ऊपरी हिस्सों की जांच की जा रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह धमकी पिछले महीनों में मिली अन्य धमकियों से मिलती-जुलती है, जहां ज्यादातर मामलों में फर्जी साबित हुईं। फिर भी, एजेंसियां किसी भी संभावना को नजरअंदाज नहीं कर रही। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने सतर्कता बरतते हुए आसपास के इलाकों में भी गश्त बढ़ा दी है।
दिल्ली में बम धमकियों का सिलसिला
दिल्ली में बम धमकियों का यह सिलसिला अप्रैल से चल रहा है। हाल ही में द्वारका कोर्ट को भी इसी तरह की ईमेल धमकी मिली थी, जिसके बाद परिसर खाली कर तलाशी ली गई थी। उसके पहले स्कूलों, अस्पतालों और मेट्रो स्टेशनों को निशाना बनाया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि ये धमकियां साइबर क्रिमिनल्स या विदेशी IP से भेजी जा रही हैं, जो पैनिक फैलाने का मकसद रखती हैं।साइबर फॉरेंसिक टीम अब इस ईमेल को ट्रेस करने में लगी है, ताकि अपराधी का पता लगाया जा सके।
इस घटना से कोर्ट की कार्यवाही प्रभावित हुई। कई महत्वपूर्ण मामले टल गए, जिससे वकीलों में असंतोष है। जनता में डर का माहौल है, खासकर उन लोगों में जो रोजाना कोर्ट आते हैं। सरकार ने ऐसी धमकियों से निपटने के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं, जिसमें तत्काल रिपोर्टिंग और क्विक रिस्पॉन्स पर जोर है। पुलिस ने अपील की है कि ऐसी धमकियों की जानकारी तुरंत साझा करें। यह मामला दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रहा है, लेकिन एजेंसियों की त्वरित कार्रवाई ने किसी बड़ी घटना को टाल दिया। जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह फर्जी था या गंभीर खतरा।
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