नई दिल्ली/पटना। Bihar New Government: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की शानदार जीत के बाद नई सरकार गठन की प्रक्रिया तेज हो गई है। भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 202 सीटें हासिल कर तीन-चौथाई बहुमत प्राप्त किया है, जिसमें भाजपा को 89, जेडीयू को 85, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 19, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) को 5 और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 4 सीटें मिलीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर सरकार का नेतृत्व करेंगे, लेकिन मंत्रिमंडल में साझेदारी पर अंतिम फैसला भाजपा के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली बैठक में हो चुका है।
इसे भी पढ़ें- Bihar Election 2025: NDA ने 202 सीटों पर जमाया कब्जा, टूटा महागठबंधन का सपना
एनडीए में मंत्रियों के आवंटन का फॉर्मूला तय हो गया है, जिसमें छह विधायकों प्रति मंत्री का अनुपात अपनाया गया है। बिहार में अधिकतम 36 मंत्रियों (मुख्यमंत्री सहित) की सीमा है। सूत्रों के अनुसार, भाजपा को 15-16, जेडीयू को 14, एलजेएपी (आरवी) को 3, एचएएम(एस) और आरएलएम को एक-एक मंत्री पद मिल सकता है। उपमुख्यमंत्री पद की दौड़ में भाजपा से सम्राट चौधरी, मंगल पांडेय और रजनीश कुमार प्रमुख दावेदार हैं, जबकि एलजेएपी एक उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर रही है।
जेडीयू कोटे से 10 पुराने मंत्री ही वापसी कर सकते हैं। इनमें विजय चौधरी (वित्त), विजेंद्र यादव (ऊर्जा), श्रवण कुमार (ग्रामीण विकास), आशोक चौधरी (भूमि सुधार), लेशी सिंह (परिवहन), जमाल खान (कृषि), मदन साहनी (सामाजिक कल्याण), जयंत राज (शिक्षा), महेश्वर हजारी (वन) और संतोष निराला (अल्पसंख्यक कल्याण) के नाम प्रमुख हैं। ये सभी विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं।
भाजपा से चार नामों पर चर्चा है। सम्राट चौधरी (उपमुख्यमंत्री संभावित), नितिन नवीन (स्वास्थ्य), मंगल पांडेय (उपमुख्यमंत्री दावेदार) और रजनीश कुमार (उपमुख्यमंत्री दावेदार)। छोटे दलों से संतोष मांझी (एचएएम), स्नेहलता (आरएलएम प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी), राजू तिवारी और संजय पासवान (एलजेएपी) मंत्री बनने की कतार में हैं। उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा का पद परिवर्तन हो सकता है, उन्हें स्पीकर या अन्य महत्वपूर्ण भूमिका मिल सकती है।
नीतीश कुमार आज (17 नवंबर) इस्तीफा दे सकते हैं, जबकि 20 नवंबर को शपथ ग्रहण समारोह प्रस्तावित है। चिराग पासवान ने कहा कि 22 नवंबर से पहले सरकार बन जाएगी। एनडीए की इस रणनीति से बिहार में विकास और स्थिरता सुनिश्चित होगी। हालांकि, अंतिम सूची में बदलाव संभव है, क्योंकि जेडीयू विधायक दल की बैठक आज हो रही है। यह मंत्रिमंडल गठन न केवल जातिगत संतुलन बनाए रखेगा, बल्कि युवा और महिला प्रतिनिधित्व पर भी जोर देगा।
भाजपा की मजबूत स्थिति से गठबंधन में उसका वर्चस्व बढ़ेगा, लेकिन नीतीश कुमार का अनुभव सरकार को दिशा देगा। बिहारवासियों की उम्मीदें विकास, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं पर केंद्रित हैं। एनडीए की एकजुटता से विपक्षी महागठबंधन को झटका लगा है, जो केवल 41 सीटों तक सिमट गया।
इसे भी पढ़ें- Bihar Assembly Elections 2025: शुरूआती रुझान मचा रहे हलचल, JDU ने सहयोगी पार्टी BJP को भी पछाड़ा








