पटना, 16 अक्टूबर 2025। Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी में दरभंगा जिले की अलीनगर सीट ने सुर्खियां बटोर ली हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी दूसरी उम्मीदवार सूची में लोकप्रिय मिथिला गायिका मैथिली ठाकुर को अलीनगर से टिकट थमा दिया, लेकिन यह फैसला पार्टी के स्थानीय नेताओं को पसंद नहीं आया। मंगलवार को मैथिली के BJP में शामिल होते ही उन्हें टिकट मिला, जिसके बाद अलीनगर के सातों मंडल अध्यक्षों ने खुला विरोध जताते हुए प्रत्याशी बदलने की मांग की है।
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स्थानीय कार्यकर्ता उन्हें ‘बाहरी’ मान रहे हैं और संजय सिंह उर्फ पप्पू सिंह को ही उम्मीदवार बनाने की पैरवी कर रहे हैं। विरोध की लहर इतनी तेज है कि मंडल अध्यक्षों ने चेतावनी दी है, अगर कोई एनडीए को यहां जिताकर दिखा दे, तो वे मुंह दिखाने भी नहीं आएंगे। अन्यथा, बूथ स्तर से लेकर पंचायत अभियान तक सब कुछ ठप कर देंगे और सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।

सातों मंडल अध्यक्षों तारडीह पूर्वी के पुरुषोत्तम झा, तारडीह पश्चिमी के पंकज कंठ, घनश्यामपुर पूर्वी के सुधीर सिंह, घनश्यामपुर पश्चिमी के चंदन कुमार ठाकुर, नगर मंडल के रणजीत कुमार मिश्रा, अलीनगर पूर्वी के लाल मुखिया और अलीनगर पश्चिमी के गंगा प्रसाद यादव ने मैथिली के खिलाफ अपनी राय दर्ज कराई। उन्होंने कहा कि संगठन को मजबूत करने वाले स्थानीय कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर बाहरी को टिकट देना अन्याय है।
कारण साफ हैं, अलीनगर के मतदाता पिछले विधायक मिश्रीलाल यादव के कार्यकाल से त्रस्त हैं। उनका आरोप है कि पांच सालों में न तो विधायक ने क्षेत्र से संपर्क किया, न ही कोई विकास कार्य हुआ। ग्रामीण इलाकों में सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी ने जनता को ठगा हुआ महसूस कराया। अब वे ‘लोकल’ उम्मीदवार चाहते हैं, जो उनकी समस्याओं को समझे।
विरोध प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए, ‘बाहरी भागाओ, अलीनगर बचाओ’, ‘बाहरी हमें स्वीकार नहीं’। स्थानीय स्तर पर सभा आयोजित कर पप्पू सिंह के समर्थन में जोश भरा गया। मैथिली ठाकुर, 25 वर्षीय मधुबनी निवासी, मिथिला लोक संगीत की धाकड़ गायिका हैं। ‘मिथिला की कोकिला’ के नाम से मशहूर, उन्होंने रियलिटी शो में ख्याति पाई।
BJP ने उन्हें मिथिलांचल में युवा वोटरों को लुभाने के लिए चुना, लेकिन स्थानीय असंतोष ने पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी। प्रदेश नेतृत्व पर दबाव बढ़ रहा है। अगर बगावत नहीं रुकी, तो अलीनगर में NDA की सीट खतरे में पड़ सकती है। RJD और अन्य विपक्षी दल इस मौके का फायदा उठाने को बेताब हैं। यह घटना बिहार BJP में सीट बंटवारे को लेकर असंतोष का आईना है, जहां स्थानीय बनाम बाहरी की बहस तेज हो गई। क्या आलाकमान उम्मीदवार बदलेगा? सियासी गलियारों में अटकलें तेज हैं।
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