पटना, 8 नवंबर 2025। Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण में लोकतंत्र की मजबूती का शानदार प्रदर्शन हुआ है। निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने शुक्रवार को फाइनल डेटा जारी करते हुए बताया कि 6 नवंबर को 18 जिलों के 121 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 65.08 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। यह आंकड़ा न केवल पिछले विधानसभा चुनाव 2020 के 57.29 प्रतिशत से 7.79 प्रतिशत अधिक है, बल्कि लोकसभा चुनाव 2024 के 56.28 प्रतिशत से भी 8.8 प्रतिशत ऊपर है।
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यह बिहार के 75 वर्षों के चुनावी इतिहास में अब तक का सबसे ऊंचा मतदान प्रतिशत है, जो राज्य की जनता के प्रति राजनीतिक जागरूकता और उत्साह को दर्शाता है। चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह फाइनल आंकड़ा 45,341 मतदान केंद्रों में से 41,943 केंद्रों से प्राप्त डेटा पर आधारित है। कुछ बाकी केंद्रों से जानकारी आने पर यह और बढ़ सकता था, लेकिन अब यह पुष्टि हो गई है।” अंतिम आंकड़ा 64.66 प्रतिशत था, जो अब 1 प्रतिशत से अधिक बढ़कर 65.08 प्रतिशत हो गया।
मतदान प्रक्रिया पूरी तरह शांतिपूर्ण रही, जिसमें कोई पुनर्मतदान (री-पोल) की आवश्यकता नहीं पड़ी। सभी ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) और वीवीपैट को त्रिस्तरीय सुरक्षा के साथ स्ट्रॉन्ग रूम में सील किया गया, जहां 24×7 सीसीटीवी निगरानी और वेबकास्टिंग से पारदर्शिता सुनिश्चित हुई। इस चरण में युवा मतदाताओं, महिलाओं, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगों की भागीदारी सराहनीय रही।
बिहार में कुल 3.5 करोड़ महिला मतदाता हैं, और इस बार लंबी कतारों में महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक देखी गई। दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर, रैंप और सहायक स्टाफ की व्यवस्था ने मतदान को सुलभ बनाया। मुजफ्फरपुर जिले में सबसे अधिक उत्साह देखा गया, जहां मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत से कहीं ऊपर रहा। बेगूसराय और गोपालगंज जैसे जिलों में भी दोपहर 3 बजे तक 59 प्रतिशत से अधिक वोटिंग हो चुकी थी। कुल 83 अभ्यर्थी मैदान में थे, और 385 निर्वाचन अभिकर्ताओं की मौजूदगी में स्क्रूटिनी पूरी हुई।
चुनाव आयोग की नई पहलों, जैसे मोबाइल ऐप से वोटर स्लिप और जीपीएस ट्रैकिंग, ने मतदाताओं का अनुभव सुखद बनाया। छिटपुट घटनाओं को तुरंत नियंत्रित किया गया, और कोई बड़ी हिंसा या धांधली की शिकायत नहीं आई। अब सभी की नजरें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर हैं, जहां परिणाम घोषित होंगे। यह उच्च मतदान राज्य की राजनीति में बदलाव का संकेत दे रहा है, जहां एनडीए और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला अपेक्षित है। बिहार की जनता ने एक बार फिर साबित किया कि लोकतंत्र की जड़ें कितनी गहरी हैं।
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