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आयकर विभाग का बड़ा एक्शन: 40 हजार लोगों ने मानी टैक्स चोरी, 1,045 करोड़ के फर्जी क्लेम खुद किए वापस

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अगर आप भी सोच रहे हैं कि आयकर रिटर्न (ITR) में फर्जी कटौती दिखाकर टैक्स बचाया जा सकता है, तो ये खबर आपके लिए चेतावनी है। आयकर विभाग (Income Tax Department) ने टैक्सपेयर्स पर अपनी पकड़ मजबूत कर दी है और इसका नतीजा है कि बीते चार महीनों में करीब 40,000 करदाताओं को अपना रिटर्न खुद ही संशोधित करना पड़ा है। इन लोगों ने मिलकर करीब 1,045 करोड़ रुपये के फर्जी क्लेम वापस ले लिए हैं।

आयकर विभाग की जांच और कार्रवाई इतनी गंभीर हो चुकी है कि अब टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ जुर्माने से लेकर जेल तक की नौबत आ रही है। विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि छूट और कटौती के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

टैक्स भरने की डेडलाइन बढ़ी, लेकिन सख्ती भी बढ़ी

इस साल आयकर रिटर्न भरने की आखिरी तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी गई है। हालांकि, इसका मतलब ये नहीं कि लोग इस समय का गलत फायदा उठाएं। आयकर विभाग फाइलिंग के साथ-साथ टैक्स रिटर्न की गहराई से जांच भी कर रहा है। इसी जांच के दौरान हजारों टैक्सपेयर्स की पोल खुली, जिन्होंने फर्जी डिडक्शन, HRA क्लेम, झूठे मेडिकल खर्च या निवेश के नाम पर टैक्स रिफंड लेने की कोशिश की थी।

क्या है सजा का प्रावधान?

आयकर विभाग की सख्त चेतावनी है कि अगर कोई व्यक्ति टैक्स चोरी या फर्जी दावा करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा। आयकर अधिनियम 1961 के तहत टैक्स फ्रॉड के लिए 6 महीने से लेकर 7 साल तक की जेल, भारी जुर्माना और संपत्ति जब्त करने जैसे प्रावधान हैं। गंभीर मामलों में सीधे आपराधिक केस भी दर्ज हो सकता है।

कौन करवा रहा था फर्जीवाड़ा?

इस पूरे मामले में सिर्फ टैक्सपेयर्स ही नहीं, बल्कि कुछ आयकर रिटर्न तैयार करने वाले प्रोफेशनल्स और बिचौलिए भी जांच के घेरे में हैं। विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, कई रिटर्न फाइलिंग एजेंट कमीशन के लालच में टैक्सपेयर्स को फर्जी रिफंड दिलाने का लालच दे रहे थे। इन एजेंट्स का संगठित गिरोह बड़े पैमाने पर नकली कटौती और क्लेम तैयार कर रहा था।

देशभर में छापेमारी, खुलासा चौंकाने वाला

सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस (CBDT) ने महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, गुजरात, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बड़े पैमाने पर छापेमारी की। जांच में यह सामने आया कि बड़ी संख्या में टैक्सपेयर्स इन रैकेट्स के झांसे में आकर फर्जी क्लेम डाल चुके थे। लेकिन जब विभाग की तरफ से नोटिस और जांच शुरू हुई, तो उन्होंने खुद ही रिटर्न संशोधित कर लिया।

अब क्या करें टैक्सपेयर्स?

अगर आपने भी जल्दबाज़ी या गलत सलाह के चलते आयकर रिटर्न में कोई फर्जी क्लेम कर दिया है, तो बेहतर होगा कि समय रहते उसे संशोधित कर लें। क्योंकि अब आयकर विभाग सिर्फ आंकड़ों पर नहीं, क्लेम के पीछे के दस्तावेज़ों और पैटर्न पर भी नजर रख रहा है। किसी भी तरह की चूक आपको आर्थिक और कानूनी मुसीबत में डाल सकती है।

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