नई दिल्ली, 30 अगस्त 2025। Bhairav Commando: भारतीय सेना अपनी युद्ध क्षमता को और मजबूत करने के लिए एक बड़े बदलाव की ओर बढ़ रही है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने हाल ही में घोषणा की कि 31 अक्टूबर 2025 तक पांच भैरव लाइट कमांडो बटालियन पूरी तरह से सक्रिय हो जाएंगी। ये बटालियन, जो मौजूदा पैदल सेना इकाइयों से तैयार की जा रही हैं, विशेष रूप से चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तेज और आक्रामक कार्रवाइयों के लिए बनाई गई हैं। यह कदम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान दोनों देशों से बढ़ते सैन्य सहयोग के खतरे को देखते हुए उठाया गया है।
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भैरव कमांडो बटालियन, प्रत्येक में लगभग 250 सैनिकों के साथ, नियमित पैदल सेना और विशेष बलों (पैरा-स्पेशल फोर्सेस) के बीच की कड़ी के रूप में काम करेंगी। ये इकाइयां हल्की, तेज, और अत्याधुनिक हथियारों से लैस होंगी, जिनमें महिंद्रा अरमाडो लाइट स्पेशलिस्ट वाहन, ड्रोन, रात में देखने वाले उपकरणों के साथ एके-203 और सिग-716 राइफलें, और एंटी-टैंक मिसाइल सिस्टम शामिल हैं। इनका मुख्य उद्देश्य सीमा पर त्वरित छापेमारी, टोही, और दुश्मन की स्थिति को बाधित करना होगा, जिससे विशेष बलों को अधिक जटिल मिशनों के लिए मुक्त किया जा सके।
यह पुनर्गठन भारतीय सेना की रणनीति का हिस्सा है, जो आधुनिक युद्ध की बदलती प्रकृति को ध्यान में रखकर बनाई गई है। ड्रोन युद्ध और इंटेलिजेंस, सर्विलांस, और रिकॉन्सेन्स (आईएसआर) प्लेटफार्मों के बढ़ते उपयोग को देखते हुए, सेना ने सभी 400 से अधिक पैदल सेना बटालियनों में ड्रोन प्लाटून को शामिल करने का फैसला किया है। इसके अलावा, ‘शक्तिबाण’ तोपखाना रेजिमेंट और ‘दिव्यदृष्टि’ सर्विलांस बैटरीज़ भी स्थापित की जा रही हैं, जो ड्रोन और लॉइटरिंग मुनिशन्स से लैस होंगी।
भैरव कमांडो की तैनाती विशेष रूप से उत्तरी कमान के तहत होगी, जिसमें तीन बटालियन लेह (14 कोर), श्रीनगर (15 कोर), और नगरोटा (16 कोर) में तैनात होंगी। एक बटालियन पश्चिमी रेगिस्तानी क्षेत्र में और एक पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र में तैनात होगी। यह रणनीति सीमा पर तेजी से जवाबी कार्रवाई और आश्चर्यजनक हमलों की क्षमता को बढ़ाएगी।
ऑपरेशन सिंदूर, जिसके तहत मई 2025 में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, ने इस पुनर्गठन की जरूरत को और रेखांकित किया। इस ऑपरेशन के दौरान चीन द्वारा पाकिस्तान को रीयल-टाइम खुफिया जानकारी प्रदान करने की बात सामने आई, जिसने भारत के लिए दोहरे खतरे को उजागर किया। भैरव कमांडो और रुद्र ब्रिगेड्स इस दोहरे खतरे का मुकाबला करने के लिए सेना को अधिक चुस्त और घातक बनाएंगे।
जनरल द्विवेदी ने कहा कि ये इकाइयां “दुश्मन को आश्चर्यचकित करने” के लिए तैयार हैं। भैरव बटालियन न केवल सीमा पर त्वरित कार्रवाइयों के लिए बल्कि आतंकवाद विरोधी अभियानों और सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक के लिए भी महत्वपूर्ण होंगी। यह कदम भारत की रक्षा रणनीति को और मजबूत करेगा, जिससे चीन और पाकिस्तान के लिए खतरा बढ़ेगा।
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