मथुरा, 18 नवंबर 2025। Banke Bihari Mandir: वृंदावन के प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर में धीरेंद्र शास्त्री की पदयात्रा के दौरान हुई कथित धक्कामुक्की और बदसलूकी के मामले में अब नया मोड़ आ गया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मंदिर के सेवायत गोस्वामी सोहित के साथ पुलिसकर्मियों की कथित अभद्रता दिखाई गई थी, जिसमें ASP अनुज चौधरी का नाम प्रमुखता से लिया गया, लेकिन अब ASP चौधरी और मृदुलकांत शास्त्री ने स्पष्ट कर दिया है कि ‘किसी के साथ कोई बदसलूकी नहीं हुई’।
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इस बयान से विवाद थमने के संकेत मिले हैं, हालांकि भक्तों में अभी भी असंतोष बना हुआ है। घटना 17 नवंबर 2025 को तब घटी, जब बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन एकता पदयात्रा’ मथुरा पहुंची। पदयात्रा में 50,000 से अधिक श्रद्धालु शामिल हुए थे। मंदिर में विशेष दर्शन के दौरान भीड़ बेकाबू हो गई। वायरल वीडियो में दिखा कि ASP अनुज चौधरी ने गोस्वामी सोहित का कॉलर पकड़कर खींचा, जबकि वे धीरेंद्र शास्त्री के लिए पूजा थाली लेकर जा रहे थे।

सेवायतों के कपड़े फटने की भी बात सामने आई। इससे मंदिर की पवित्रता और भीड़ प्रबंधन पर सवाल उठे। सेवायतों ने ASP पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया, जिससे भक्तों में गुस्सा भड़क गया, लेकिन अब ट्विस्ट आया है। ASP अनुज चौधरी ने स्पष्ट किया, ‘मंदिर में भीड़ नियंत्रण के लिए सख्ती बरतनी पड़ी। किसी के साथ बदसलूकी नहीं की गई। हमारा उद्देश्य केवल श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुगम दर्शन सुनिश्चित करना था।
वीडियो का संदर्भ गलत तरीके से पेश किया गया है।’ उन्होंने पदयात्रा की सराहना भी की, कहा कि धीरेंद्र शास्त्री के अनुयायियों ने शांतिपूर्ण व्यवहार किया।इधर, मृदुलकांत शास्त्री (संभवतः धीरेंद्र शास्त्री से जुड़े या मंदिर समिति के प्रतिनिधि) ने भी बयान जारी कर कहा, ‘बांके बिहारी मंदिर में किसी के साथ बदसलूकी नहीं हुई। यह अफवाहें मात्र हैं।
पुलिस का सहयोग सराहनीय रहा। हम सभी मिलकर मंदिर की परंपराओं का सम्मान करेंगे।’ शास्त्री ने अपील की कि भक्त शांति बनाए रखें और दर्शन के नियमों का पालन करें। यह विवाद मंदिर प्रबंधन के लिए चुनौती बन गया है। बांके बिहारी मंदिर में रोजाना लाखों श्रद्धालु आते हैं, और VIP दर्शन को लेकर अक्सर विवाद होता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भीड़ प्रबंधन के लिए आधुनिक तकनीक जैसे CCTV और बैरिकेडिंग की जरूरत है। ASP चौधरी ने पहले पदयात्रा के दौरान भीड़ की प्रशंसा की थी, लेकिन इस घटना ने उनकी छवि पर सवाल उठाए। अब मंदिर समिति और पुलिस के बीच बातचीत से मामला सुलझने की उम्मीद है।यह घटना धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा और भक्ति के बीच संतुलन की आवश्यकता को रेखांकित करती है। भक्तों ने सोशल मीडिया पर #JusticeForSevayat जैसे ट्रेंड चलाए, लेकिन नए बयानों से विवाद कम होने के संकेत मिले हैं। मथुरा प्रशासन ने जांच का आश्वासन दिया है।
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