सीतापुर, 23 सितंबर 2025। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आज़म खान की रिहाई आज (23 सितंबर 2025) सुबह से ही लाइव अपडेट का केंद्र बनी हुई है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 18 सितंबर को रामपुर के क्वालिटी बार भूमि हड़पने के मामले में उन्हें जमानत दे दी थी, जिसके बाद सभी लंबित मामलों में बेल मिल चुकी है।
इसे भी पढ़ें- SP’s Big Announcement: BMC चुनाव में अकेले लड़ेगी 150 सीटें, अखिलेश यादव ने तोड़ा MVA गठबंधन से नाता
भारी सुरक्षा बल तैनात
दो साल से अधिक समय से जेल में रहने वाले 77 वर्षीय आज़म खान के बाहर आने की उम्मीद थी, लेकिन बेल बॉन्ड में गलत एड्रेस दर्ज होने के कारण प्रक्रिया अटक गई। जेल प्रशासन ने बॉन्ड सत्यापन के लिए अतिरिक्त समय मांगा है, जिससे रिहाई दोपहर के बाद होने की संभावना है। सुबह 7 बजे रिहाई की उम्मीद में सीतापुर जेल के बाहर सपा समर्थकों का विशाल हुजूम उमड़ पड़ा। उनके बेटे अब्दुल्ला आज़म खान के अलावा पार्टी के कई नेता, विधायक और कार्यकर्ता मौजूद हैं। नारों और झंडियों के साथ ‘आज़म भाई जिंदाबाद’ के स्वर गूंज रहे हैं। सुरक्षा बलों ने भारी संख्या में तैनाती की है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
पत्नी और बेटे को मिल चुकी है जमानत
आज़म खान के वकील इमरान उल्लाह ने बताया कि बॉन्ड में छोटी सी तकनीकी त्रुटि के कारण कोर्ट से नया आदेश मंगवाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “यह मामूली अड़चन है, जल्द ही सब सुलझ जाएगा।” दूसरी ओर, रामपुर कोर्ट ने कल ही अंतिम रिलीज ऑर्डर जारी किया था, लेकिन फाइन जमा न होने और बॉन्ड की खामी से देरी हो रही है। यह मामला रामपुर के सईद नगर हारदोई पट्टी स्थित क्वालिटी बार संपत्ति से जुड़ा है, जहां 2019 में एफआईआर दर्ज हुई थी। आरोप था कि आज़म खान ने अपनी पत्नी तजीन फातिमा के नाम पर अवैध कब्जा कराया। उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला को पहले ही जमानत मिल चुकी है।
तेज हुई सियासी हलचल
जस्टिस समीर जैन की बेंच ने सुनवाई के बाद बेल मंजूर की, क्योंकि अभियोजन पक्ष के पास पर्याप्त सबूत नहीं थे। आज़म खान पर कुल 80 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, लेकिन अब सभी में राहत मिल चुकी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर समर्थकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। यह रिहाई सपा के लिए बड़ा राजनीतिक संदेश है, खासकर आगामी उपचुनावों के मद्देनजर। जेल के बाहर माहौल उत्साहपूर्ण है, लेकिन देरी से कार्यकर्ताओं में बेचैनी भी दिख रही है। लाइव अपडेट के अनुसार, बॉन्ड सुधार का काम चल रहा है और दोपहर 12 बजे तक रिहाई संभव है। आज़म खान की रिहाई से रामपुर-मुरादाबाद क्षेत्र में सियासी हलचल तेज हो जाएगी। यह घटना न्यायिक प्रक्रिया की बारीकियों को भी उजागर करती है, जहां छोटी चूक बड़ी देरी का कारण बन जाती है।
इसे भी पढ़ें- यूपी बीजेपी में अंदरूनी कलह, पूरब से पश्चिम तक पार्टी में उथल-पुथल