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सपा नेता आजम खान का सड़क पर बवाल, पुराने केस में निर्दोष साबित
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17 साल पुराने फरार केस में आजम खान बरी, सपा को मिली कानूनी जीत
रामपुर, 17 सितंबर 2025। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को एक बड़ी कानूनी राहत मिली है। 17 साल पुराने एक भगोड़े मामले में कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया है। यह मामला 2008 का है, जब आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान पर पुलिस जांच के दौरान सड़क पर धरना देकर बवाल काटने का आरोप लगा था। रामपुर में सीआरपीएफ कैंप पर हमले के बाद पुलिस ने उनकी काफिले की जांच की थी, जिसके जवाब में उन्होंने राजमार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया था।
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इस घटना के लिए उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 353 समेत अन्य धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था और दो साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि, लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब कोर्ट ने इस मामले में आजम खान को निर्दोष घोषित कर दिया। यह फैसला उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, क्योंकि आजम खान पर कई पुराने केस चल रहे हैं। सपा समर्थकों ने इस बरी को पार्टी के लिए बड़ी जीत बताया है। आजम खान, जो रामपुर से कई बार विधायक और सांसद रह चुके हैं, लंबे समय से जेल में बंद हैं। विभिन्न मामलों में सजा के कारण वे सितापुर जेल में कैद हैं, लेकिन इस बरी से उनकी कानूनी स्थिति मजबूत हुई है।
यह मामला 2007 के रामपुर सीआरपीएफ हमले से जुड़ा था, जहां 2008 में पुलिस ने आजम खान के काफिले को रोका। विरोध में सड़क जाम कर बवाल काटा गया, जिसे भगोड़ा व्यवहार माना गया। कोर्ट ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए बरी का फैसला सुनाया। सपा नेता अब्दुल्लाह आजम खान भी इसी मामले में प्रभावित हुए थे, जिन्हें हाल ही में 17 महीने जेल काटने के बाद रिहा किया गया। अब्दुल्लाह को दुश्मन संपत्ति के एक अन्य केस में जमानत मिली थी। आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा भी कई मामलों में जेल गईं, लेकिन अब बेल पर हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का अंत है। भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने हालांकि इसे बेल बताते हुए आपत्ति जताई। आजम खान पर कुल 90 से अधिक केस दर्ज हैं, जिनमें जमीन हड़पने, धोखाधड़ी जैसे आरोप शामिल हैं। फिर भी, यह बरी उनके समर्थकों में उत्साह भर रही है।यह फैसला उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कार्यकाल में आया है, जहां विपक्षी नेताओं पर सख्ती के आरोप लगते रहे हैं। आजम खान की रिहाई की मांग लंबे समय से हो रही थी।
सपा का दावा है कि ये केस राजनीतिक साजिश हैं। कोर्ट का यह निर्णय न केवल आजम खान को राहत देगा, बल्कि अन्य लंबित मामलों में भी प्रभाव डालेगा। राज्य की राजनीति में यह विकास सपा को मजबूती प्रदान कर सकता है। समर्थक उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही आजम खान जेल से बाहर होंगे और पार्टी की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाएंगे।
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