नई दिल्ली, 19 नवंबर 2025। AQI Alert: दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में वायु प्रदूषण ने एक बार फिर विकराल रूप धारण कर लिया है। 19 नवंबर 2025 को सुबह के समय दिल्ली का समग्र AQI 600 तक पहुंच गया है, जो ‘हैजर्डस’ श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और AQI.in के आंकड़ों के अनुसार, कई इलाकों में AQI 1000 से ऊपर चढ़ गया है, जो सांस लेने के लिहाज से घातक साबित हो रहा है।
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न्यू दिल्ली के अधिकांश मॉनिटरिंग स्टेशनों पर PM2.5 का स्तर 376 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर और PM10 का 514 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तक दर्ज किया गया है। इससे सांस की बीमारियों, हृदय रोगों और एलर्जी का खतरा बढ़ गया है। इस प्रदूषण का मुख्य कारण मौसमी बदलाव है। सर्दियों की शुरुआत के साथ तापमान उलटा (टेम्परेचर इन्वर्जन) हो गया है, जिसमें ठंडी हवा नीचे रहकर प्रदूषकों को फंसाए रखती है।

सुबह 6-8 बजे AQI ‘वेरी पुअर’ (300+) से ‘सीवियर’ (400+) तक उछल जाता है। इसके अलावा, पंजाब-हरियाणा में पराली जलाना PM2.5 को 30-40% बढ़ा रहा है, जबकि वाहनों के धुएं, निर्माण कार्य, औद्योगिक उत्सर्जन और धूल ने हालात बिगाड़ दिए हैं। नवंबर 2025 में AQI औसतन 363 रहा, जो पिछले साल के मुकाबले 27.3% अधिक है। एनसीआर के नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में भी AQI 400-1051 के बीच घूम रहा है, जहां PM2.5 का स्तर 602 माइक्रोग्राम तक पहुंचा।
सरकार ने तत्काल कदम उठाए हैं। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-3 को लागू किया है। इसमें पूरे एनसीआर में निर्माण और ध्वंस कार्य पूरी तरह प्रतिबंधित हैं। BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल चार-पहिया वाहनों पर दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में पाबंदी लगा दी गई है।
कक्षा 5 तक के स्कूल हाइब्रिड मोड (ऑनलाइन-ऑफलाइन) में शिफ्ट हो गए हैं। गैर-आवश्यक डीजल जनरेटरों पर रोक है, और गैर-साफ ईंधन वाले उद्योग बंद हैं। दिल्ली सरकार ने एयर पॉल्यूशन मिटिगेशन प्लान 2025 के तहत 1 नवंबर से BS-VI, CNG और इलेक्ट्रिक वाहनों को प्राथमिकता दी है। आर्टिफिशियल रेन (क्लाउड सीडिंग) के लिए IIT कानपुर के साथ सहयोग शुरू हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि, यह हवा सांस लेने के बराबर 12 सिगरेट पीने जैसी है। स्वस्थ लोगों को भी आंखों में जलन, सांस फूलना और थकान हो रही है। बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा रोगियों के लिए खतरा सबसे ज्यादा है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब-हरियाणा को पराली जलाने पर स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। लोगों से अपील है कि आउटडोर एक्टिविटी बंद रखें, खिड़कियां बंद रखें, एयर प्यूरीफायर चलाएं, N95 मास्क पहनें और दवाओं का पालन करें।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए सार्वजनिक परिवहन बढ़ाना जरूरी है। अगर हालात नहीं सुधरे, तो GRAP स्टेज-4 लागू हो सकता है। यह संकट हमें पर्यावरण संरक्षण की याद दिलाता है।
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