Home » ताजा खबरें » उत्‍तर प्रदेश » Allahabad High Court: HC ने यूपी के स्कूल-कॉलेजों में व्यावसायिक आयोजनों पर लगाया प्रतिबंध, कहा- ‘शिक्षा को प्राथमिकता दें’

Allahabad High Court: HC ने यूपी के स्कूल-कॉलेजों में व्यावसायिक आयोजनों पर लगाया प्रतिबंध, कहा- ‘शिक्षा को प्राथमिकता दें’

Share :

Allahabad High Court

Share :

इलाहाबाद, 18 अक्टूबर 2025। Allahabad High Court: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में व्यावसायिक गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगा दी है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि स्कूलों, कॉलेजों और अन्य एजुकेशनल इंस्टीट्यूशंस में अब किसी भी प्रकार के व्यापार मेले, विवाह समारोह या अन्य कमर्शियल आयोजन नहीं हो सकेंगे। इस फैसले का उद्देश्य शैक्षणिक संस्थानों को उनके मूल मकसद शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित रखना है।
कोर्ट ने जोर देकर कहा कि संस्थानों की जमीन, भवन और प्लेग्राउंड जैसी सुविधाओं का उपयोग केवल शैक्षणिक, खेलकूद, सांस्कृतिक या वाद-विवाद जैसी गतिविधियों तक सीमित रहे।यह महत्वपूर्ण फैसला चीफ जस्टिस अरुण भंसाली और जस्टिस क्षितिज शैलेंद्र की डिवीजन बेंच ने हमीरपुर जिले के याचिकाकर्ता गिरजा शंकर की जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करते हुए सुनाया। याचिका हमीरपुर के एक कॉलेज में व्यावसायिक मेले के आयोजन के खिलाफ दायर की गई थी।
कोर्ट ने याचिका को निस्तारित करते हुए यूपी सरकार को सख्त निर्देश दिए कि वह इस संबंध में एक स्पष्ट सर्कुलर जारी करे। इस सर्कुलर में जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और सभी स्तर के शैक्षणिक संस्थानों को कोर्ट के आदेशों का पालन करने का निर्देश दिया जाए। सर्कुलर जारी होने की तारीख से एक महीने के अंदर कार्रवाई पूरी करने का अल्टीमेटम भी दिया गया है।कोर्ट की टिप्पणी बेहद कठोर रही।
बेंच ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान शिक्षा के मंदिर हैं, न कि व्यावसायिक केंद्र। कोई भी कानून प्राइमरी, सेकेंडरी या उच्च शिक्षा संस्थानों की संपत्ति के कमर्शियल उपयोग की अनुमति नहीं देता। प्लेग्राउंड जैसी सुविधाओं की अहमियत को कभी कम नहीं आंका जा सकता, क्योंकि ये छात्रों के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए आवश्यक हैं। कोर्ट ने चेतावनी दी कि उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी।यह फैसला यूपी में लंबे समय से चली आ रही समस्या पर विराम लगाने वाला है।
अक्सर स्कूलों के परिसरों में मेले, बाजार या सामाजिक आयोजन होते रहे हैं, जो छात्रों की पढ़ाई और खेलकूद को प्रभावित करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह आदेश न केवल संस्थानों की पवित्रता बनाए रखेगा, बल्कि छात्रों के समग्र विकास को बढ़ावा देगा। यूपी सरकार को अब जल्द सर्कुलर जारी करना होगा, ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में एकरूपता बने। अभिभावक संगठनों ने इसकी सराहना की है, लेकिन कुछ स्कूल प्रबंधनों में चिंता का माहौल है, जो अतिरिक्त आय के स्रोत खोने से प्रभावित हो सकते हैं।
कुल मिलाकर, यह फैसला शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। कोर्ट ने साफ शब्दों में दोहराया कि शैक्षणिक बुनियादी ढांचे का दुरुपयोग अस्वीकार्य है। उम्मीद है कि यूपी सरकार तत्काल कार्रवाई करेगी, जिससे छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement
News Portal Development Services in Uttar Pradesh
Cricket Score
सबसे ज्यादा पड़ गई
Share Market

शहर चुनें

Follow Us