नोएडा, 2 अक्टूबर 2025। Air Pollution: त्योहारों के सीजन शुरू होने से पहले ही नोएडा की हवा ने दम तोड़ दिया है। गुरुवार को शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 227 तक पहुंच गया, जो खराब श्रेणी में आता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) की रिपोर्ट के अनुसार, नोएडा देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया। यह 122 दिनों बाद पहली बार है जब यहां का AQI खराब स्तर पर पहुंचा है। पिछली बार 31 मई को ऐसा हुआ था।
इसे भी पढ़ें- Delhi-NCR Pollution: दिल्ली-NCR में सताने लगा प्रदूषण का डर, कृषि विज्ञान केंद्र ने किया चौंकाने वाला खुलासा
दिल्ली-एनसीआर में मौसम के बदलाव और पराली जलाने की आशंका को देखते हुए 1 अक्टूबर से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) लागू कर दिया गया है, लेकिन अभी सख्त प्रतिबंध शुरू नहीं हुए हैं। GRAP के तहत पाबंदियां तब लागू होती हैं जब प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंचता है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के मीडिया सलाहकार ने बताया कि फिलहाल दिल्ली का AQI 200 से नीचे (130) है, इसलिए स्टेज-1 के सामान्य उपाय जैसे धूल नियंत्रण और वाहन जांच पर जोर है।
अक्टूबर से ही दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण बढ़ने लगता है, क्योंकि किसान पराली जलाते हैं और वाहनों की संख्या बढ़ जाती है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिवाली के पटाखों से स्थिति और बिगड़ सकती है। अगर AQI 300 पार कर गया, तो GRAP के स्टेज-2 या 3 में निर्माण कार्य बंद, पुराने डीजल वाहनों पर रोक और स्कूलों में ऑनलाइन क्लास जैसी सख्तियां लागू हो सकती हैं। देशभर में प्रदूषण का आलम चिंताजनक है।
बुधवार को मध्य प्रदेश का मैहर सबसे प्रदूषित शहर रहा, जहां AQI 232 दर्ज किया गया। नोएडा दूसरे स्थान पर रहा, जबकि तीसरे नंबर पर तमिलनाडु का गुमिडीपूंडी (AQI 203) आया। NCR के अन्य शहरों में ग्रेटर नोएडा का AQI 153 (मध्यम), गाजियाबाद 83 (संतोषजनक), फरीदाबाद 69 और गुरुग्राम 78 रहा। नोएडा में PM2.5 और PM10 कणों का स्तर बढ़ने से सांस संबंधी बीमारियां बढ़ रही हैं। डॉक्टरों ने बुजुर्गों और बच्चों को मास्क पहनने, बाहर कम निकलने की सलाह दी है।
नोएडा अथॉरिटी ने GRAP के तहत 40 स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाया और निर्माण साइटों पर पानी छिड़काव अनिवार्य किया। लेकिन अगर हवा नहीं सुधरी, तो दिवाली पर पटाखों की बिक्री पूरी तरह बंद हो सकती है। CAQM ने चेतावनी दी है कि स्टेज-3 लागू होने पर शादी-विवाह स्थलों पर डीजल जनरेटर बंद होंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय के समाधान के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा और हरियाली अभियान जरूरी हैं। क्या इस बार दिवाली साफ हवा के साथ मनाएंगे? यह तो समय बताएगा, लेकिन अभी से सतर्कता बरतना ही एकमात्र उपाय है।
इसे भी पढ़ें- UP Weather Update: यूपी में शुष्क मौसम के बीच बारिश के आसार, इन जिलों को भिगोएंगे बादल