लखनऊ, 1 सितंबर 2025। उत्तर प्रदेश की सियासत में हाल के दिनों में निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री संजय निषाद के तल्ख बयानों ने हलचल मचा दी थी। गोरखपुर में बीजेपी को गठबंधन तोड़ने की चेतावनी देने वाले संजय निषाद ने अब अपने तेवर नरम कर लिए हैं। रविवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद उन्होंने बीजेपी के साथ मजबूत गठबंधन की बात दोहराई और सीएम योगी को अपना अभिभावक बताया।
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इस मुलाकात में उनके बेटे डॉ. अमित कुमार निषाद भी मौजूद थे। संजय निषाद ने इसे शिष्टाचार भेंट बताया, लेकिन इस मुलाकात ने सियासी गलियारों में चर्चा को जन्म दे दिया। पिछले दिनों संजय निषाद ने गोरखपुर में बीजेपी पर तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि अगर बीजेपी को निषाद पार्टी से फायदा नहीं मिल रहा, तो गठबंधन तोड़ दे। उन्होंने बीजेपी के कुछ नेताओं पर सहयोगी दलों के खिलाफ अनुचित बयानबाजी का आरोप लगाया था। इस बयान से बीजेपी में खलबली मच गई थी, और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने तुरंत संजय निषाद से संपर्क कर मतभेद सुलझाने का आश्वासन दिया था।
आज लखनऊ में माननीय मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी के आवास पर शिष्टाचार भेंट किए।
साथ में बड़े सुपुत्र राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद – RNEP कार्यकारी अध्यक्ष श्री Dr Amit kumar Nishad जी भी मौजूद रहें!जिसमें समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुआ… pic.twitter.com/G1cxnCPQhj
— Dr. Sanjay Kumar Nishad (@mahamana4u) August 31, 2025
इसके बाद संजय निषाद ने उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से भी मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री योगी से मुलाकात के बाद संजय निषाद ने अपने बयान में कहा, “सीएम योगी हमारे मार्गदर्शक और अभिभावक हैं। हम बीजेपी के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं।” उन्होंने गठबंधन में धोखेबाजों पर कार्रवाई की मांग उठाई और कहा कि 2027 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन मजबूती से लड़ेगा।
संजय निषाद ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी नाराजगी कुछ नेताओं के बयानों को लेकर थी, न कि बीजेपी नेतृत्व के खिलाफ। उन्होंने निषाद समाज के लिए आरक्षण और अन्य मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा की बात कही। सूत्रों के अनुसार, संजय निषाद की नाराजगी का कारण बीजेपी के कुछ स्थानीय नेताओं द्वारा निषाद समाज और उनकी पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश थी। खास तौर पर, पूर्व सांसद जय प्रकाश निषाद और साध्वी निरंजन ज्योति के बयानों से वे आहत थे।
योगी ने उन्हें आश्वासन दिया कि गठबंधन को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस मुलाकात ने 2027 के चुनाव से पहले गठबंधन में एकता का संदेश दिया है। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि बीजेपी और सहयोगी दलों के बीच मतभेद को सुलझाने की कोशिश तेज हो रही है। संजय निषाद की नरम रुख ने बीजेपी को राहत दी है, क्योंकि निषाद समाज पूर्वी और मध्य उत्तर प्रदेश में कई सीटों पर प्रभावशाली है।
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