नई दिल्ली, 25 अक्टूबर 2025। Admission Scam: शिक्षा के नाम पर ठगी का एक नंगा खेल सामने आया है, जहां नेहरू प्लेस में फर्जी ऑफिस खोलकर एक गिरोह ने गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी (IPU) के प्रतिष्ठित कॉलेजों में दाखिले का लालच देकर 32 परिवारों से करीब 1.69 करोड़ रुपये की ठगी कर ली। एसएमएस और फोन कॉल्स के जरिए मासूम पैरेंट्स को फंसाया गया, जो अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की आस में फंस गए। अब पुलिस ने दो मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिए हैं, लेकिन गिरोह के बाकी सदस्य अभी भी फरार हैं।
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यह मामला जुलाई 2025 से शुरू हुआ, जब 12वीं पास स्टूडेंट्स के पैरेंट्स को आकर्षक ऑफर भेजे गए। एक पीड़ित ने बताया, “हमारे बेटे की 12वीं पूरी हुई तो अच्छे कॉलेज की तलाश में थे। जुलाई में एक एसएमएस आया, जिसमें IPU के नामी कॉलेजों में NRI कोटा से एडमिशन का वादा था। लावण्या नाम की महिला का नंबर दिया गया। कॉल करने पर नेहरू प्लेस के ‘ब्राइट एजुकेशन अकैडमी’ में बुलाया। वहां 3.5 लाख की मांग की, हमने 2.5 लाख दे दिए।”
इसी तरह, अन्य पैरेंट्स को भी BTech, BBA, BCA, LLB जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज में MAIT, VIPS, JIMS जैसे टॉप IPU कॉलेजों में सीट दिलाने का झांसा दिया गया। मैनेजमेंट कोटा, NRI क्वोटा या यहां तक कि ट्रांसफर का दावा किया जाता था। फर्जी रजिस्ट्रेशन फीस की रसीदें दी जातीं, जिनमें JIMS ग्रेटर नोएडा के प्रस्तावित कोर्स की डिटेल्स होतीं। गिरोह में कुल 7 सदस्य थे, जिनमें दो महिलाएं शामिल। सभी पीड़ितों से जुलाई में संपर्क साधा गया।
आखिरी बातचीत अगस्त के पहले हफ्ते तक चली। 5 अगस्त तक अलॉटमेंट लेटर देने का वादा था, लेकिन समय आने पर फोन बंद। कुल 1,69,47,800 रुपये वसूले गए, जिसमें हर पीड़ित से औसतन 2-3 लाख लिए गए। चौंकाने वाली बात, दिल्ली पुलिस की ही एक महिला हेड कांस्टेबल मुकेश भी शिकार हुईं। अपने बेटे के एडमिशन के लिए 29 जुलाई को 2.3 लाख रुपये दिए। पुलिस को 25 अगस्त को द्वारका साइबर थाने में पहली शिकायत मिली। इसके बाद गाजियाबाद के कुशाग्र श्रीवास्तव (35) और चिन्मय सिन्हा (32) को गिरफ्तार किया गया।
उनसे 1.34 करोड़ कैश, 6 मोबाइल, एक लैपटॉप और कई दस्तावेज बरामद हुए। बाकी 32 पीड़ितों ने कालकाजी थाने में सामूहिक शिकायत दर्ज कराई, जो आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को ट्रांसफर हो गई। 22 अक्टूबर को IPC की कई धाराओं में दूसरा मुकदमा दर्ज। अब जेल में बंद दोनों आरोपियों को प्रोडक्शन रिमांड पर लाकर पूछताछ होगी, जिससे बाकी सदस्यों का पता लगेगा। और गिरफ्तारियां तय हैं।यह घटना शिक्षा क्षेत्र में बढ़ते फ्रॉड का नमूना है।
पैरेंट्स को सलाह: हमेशा आधिकारिक IPU वेबसाइट (ipu.ac.in) से काउंसलिंग प्रक्रिया फॉलो करें। फर्जी एजेंट्स से बचें। साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत रिपोर्ट करें। ऐसे घोटालों से छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ रहा है।
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