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CJI गवई पर जूता फेंकने वाले वकील का चौंकाने वाला बयान, कहा- ‘ये सब दैवीय शक्ति ने कराया, कोई अफसोस नहीं’

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नई दिल्ली, 7 अक्टूबर 2025। सुप्रीम कोर्ट में एक अभूतपूर्व घटना ने पूरे न्यायिक हलकों को हिला दिया। 72 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने सोमवार को मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बीआर गवई की अदालत में सुनवाई के दौरान उन पर जूता फेंकने की कोशिश की। सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया, लेकिन इस घटना ने सनातन धर्म से जुड़े मामलों पर न्यायपालिका की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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पूछताछ के दौरान किशोर ने अपने कृत्य पर कोई पछतावा जताने से इनकार कर दिया और कहा कि यह सब ‘दैवीय शक्ति’ ने कराया। घटना 16 सितंबर को दायर एक जनहित याचिका से जुड़ी है, जिसमें सनातन धर्म से संबंधित मुद्दा उठाया गया था। किशोर के अनुसार, सीजेआई गवई ने याचिका का मजाक उड़ाते हुए कहा था, ‘जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो, उससे ही अपना सिर वापस लगाने के लिए कहो।’ इस टिप्पणी से आहत होकर उन्होंने यह कदम उठाया। किशोर ने कहा, ‘मैं नशे में नहीं था, न डरा हुआ हूं। जब भी सनातन धर्म का मामला आता है, तो सुप्रीम कोर्ट ऐसे ही आदेश देता है। याचिकाकर्ता को राहत न दो, लेकिन अपमानित भी न करो।’

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने तुरंत किशोर को निलंबित कर दिया, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया। तीन घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। किशोर ने कहा, ‘मुझे अपने किए पर कोई अफसोस नहीं। न्यायाधीशों को अपनी संवेदनशीलता पर काम करना चाहिए। लाखों मामले लंबित हैं, लेकिन धार्मिक मामलों में ऐसी टिप्पणियां स्वीकार्य नहीं।’ उन्होंने सीजेआई की विदेश यात्रा का जिक्र करते हुए सवाल उठाया, ‘मॉरीशस में आप कहते हैं कि देश बुलडोजर से नहीं चलेगा, तो क्या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई गलत है?’

किशोर ने जोर देकर कहा कि उच्च संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ‘माई लॉर्ड’ शब्द की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। दलित सीजेआई पर हमले के आरोपों पर किशोर ने पलटवार किया। उन्होंने कहा, ‘मेरा नाम राकेश किशोर है, मेरी जाति कौन बता सकता है? हो सकता है मैं भी दलित हूं। सीजेआई गवई पहले सनातनी हिंदू थे, बाद में बौद्ध धर्म अपनाया। दलित होना सोच की बात है, न कि जन्म की।’

घटना से पहले किशोर ने चिल्लाते हुए कहा था, ‘सनातन का अपमान नहीं चलेगा।’ यह घटना न्यायपालिका की निष्पक्षता और धार्मिक संवेदनशीलता पर बहस छेड़ रही है। किशोर ने स्पष्ट शब्दों में कहा, ‘मैं माफी नहीं मांगूंगा। जेल जाने को तैयार हूं, लेकिन ये सब ऊपर वाले ने कराया।’ सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच शुरू कर दी है, जबकि बीसीआई की कार्रवाई जारी है। यह मामला बॉलीवुड से इतर न्यायिक जगत में भी विवादास्पद साबित हो रहा है।

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