लखनऊ, 09 जुलाई 2025: उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग ने आज लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक दिवसीय निवेशक सम्मेलन का सफल आयोजन कर इतिहास रच दिया। इस सम्मेलन ने न केवल प्रदेश में अल्कोहल आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया, बल्कि 3600 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों के साथ उत्तर प्रदेश को आर्थिक प्रगति के नए शिखर की ओर अग्रसर किया। सम्मेलन का उद्घाटन माननीय आबकारी मंत्री श्री नितिन अग्रवाल ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। इस अवसर पर आबकारी आयुक्त डॉ. आदर्श सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और देश-विदेश से आए निवेशक, औद्योगिक समूह, और स्टार्टअप प्रतिनिधि मौजूद रहे। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अल्कोहल निर्माण, वितरण, और विपणन से जुड़े उद्योगों में निवेश को प्रोत्साहित करना, उद्योगों के लिए अनुकूल नीतियां प्रदान करना, और निवेशकों को पारदर्शी व सुगम प्रक्रियाओं से अवगत कराना था।
निवेश और रोजगार के नए अवसर
माननीय आबकारी मंत्री ने बताया कि विगत वर्षों में ‘इन्वेस्ट यूपी’ के तहत 142 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 135 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए। इनके माध्यम से 39,479.39 करोड़ रुपये का निवेश और 73,524 रोजगार के अवसर सृजित होने की संभावना है। वर्तमान में 46 परियोजनाएं जीबीसी रेडी हैं, जिनमें 7,888.73 करोड़ रुपये का निवेश हो रहा है। इनमें से 19 इकाइयां स्थापित होकर संचालित हो रही हैं, जिन्होंने 2,339.6 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2,316 लोगों को रोजगार प्रदान किया। शेष 27 इकाइयां स्थापना के चरण में हैं।
आबकारी राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि
मंत्री जी ने बताया कि 2016-17 में जहां आबकारी राजस्व 17,000 करोड़ रुपये था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 53,000 करोड़ रुपये हो गया। यह वृद्धि उत्तर प्रदेश की आर्थिक मजबूती और नीतिगत सुधारों का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश अब निर्यात-उन्मुख नीतियों को बढ़ावा दे रहा है और निर्यात प्रधान राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की सराहना
श्री अग्रवाल ने भारत को विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार करने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता और जुनून की प्रशंसा की। साथ ही, उन्होंने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में हो रहे परिवर्तनों को रेखांकित किया।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर जोर
मंत्री ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उत्तर प्रदेश सरकार और आबकारी विभाग सुरक्षित, पारदर्शी, और लाभकारी निवेश वातावरण प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। डिजिटलाइजेशन के माध्यम से लाइसेंसिंग और सिंगल विंडो क्लीयरेंस जैसी प्रक्रियाओं को सरल किया गया है। नई आबकारी नीति में निवेश के अवसर, प्रोत्साहन योजनाएं, और तकनीकी पहल जैसे विषयों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
सम्मेलन का प्रभाव
इस सम्मेलन में 3,600 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए, और कई अन्य निवेशकों ने इसमें रुचि दिखाई। यह आयोजन उत्तर प्रदेश को निवेश और रोजगार सृजन के क्षेत्र में एक नया आयाम देने में सफल रहा। आबकारी विभाग ने सभी प्रतिभागियों और निवेशकों का आभार व्यक्त करते हुए इसे राज्य की आर्थिक प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उत्तर प्रदेश अब निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बन चुका है, और यह सम्मेलन इस दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।