देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबानी अब भारत को AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और नई ऊर्जा के दम पर सुपरपावर बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने जामनगर एनर्जी कॉम्प्लेक्स को देश का सबसे बड़ा AI इंफ्रास्ट्रक्चर हब बनाने जा रही है। यहां पर 1 गीगावाट क्षमता वाले डेटा सेंटर तैयार किए जाएंगे, जो NVIDIA की लेटेस्ट ब्लैकवेल चिप्स से लैस होंगे।
मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट के अनुसार अगर ये प्रोजेक्ट सफल रहा, तो रिलायंस को इससे करीब 60 अरब डॉलर (लगभग ₹5 लाख करोड़) का जबरदस्त फायदा हो सकता है। जामनगर, जो अब तक तेल और गैस के लिए जाना जाता था, जल्द ही एक AI और ग्रीन एनर्जी का पावरहाउस बनने वाला है। कंपनी की योजना है कि आने वाले दो सालों में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत हो जाए और धीरे-धीरे इसे 1 गीगावाट क्षमता तक स्केल किया जाए।
इस प्रोजेक्ट में जहां एक ओर उन्नत AI डेटा सेंटर्स तैयार होंगे, वहीं दूसरी ओर इसकी जरूरत की बिजली भी जामनगर प्लांट से ही मिलेगी। यानी रिलायंस अपने एनर्जी बेस को पूरी तरह से डिजिटल युग के हिसाब से ढाल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी क्षमता पर काम करने के लिए कंपनी को लगभग 6.78 लाख B100 चिप्स की जरूरत होगी। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ रिलायंस, बल्कि भारत को ग्लोबल AI रेस में सबसे आगे ले जाने की क्षमता रखता है।
रिलायंस ने अपनी पिछली तिमाही की रिपोर्ट में भी साफ कर दिया था कि वह अपने हर बिजनेस प्रोसेस में AI को इंटीग्रेट करने पर फोकस कर रही है — चाहे वो रिटेल हो, टेलीकॉम हो या रिफाइनिंग। कंपनी का विजन है कि वो न केवल भारत, बल्कि दुनियाभर में AI और नई ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बन सके।
शेयर बाजार की बात करें तो रिलायंस के स्टॉक्स में इस साल 26% की जबरदस्त तेजी देखी गई है। निवेशक अंबानी की इस नई रणनीति को लेकर काफी उत्साहित हैं। मॉर्गन स्टैनली ने रिलायंस पर ‘ओवरवेट’ रेटिंग देते हुए इसका टारगेट प्राइस ₹1,617 प्रति शेयर रखा है। उनका मानना है कि 2025 से 2028 के बीच कंपनी की कमाई हर साल 14% की दर से बढ़ सकती है।
हालांकि, अभी निवेशक पूरी तरह से रिलायंस के AI इनवेस्टमेंट को लेकर एक्टिव नहीं हुए हैं क्योंकि इसका असर कमाई पर कैसे दिखेगा, ये पूरी तरह साफ नहीं है। लेकिन दुनियाभर में कई एनर्जी कंपनियां AI के नाम पर पहले ही रेटिंग में ऊपर जा चुकी हैं — और अब ये रिलायंस के लिए भी बड़ा मौका है।
रिलायंस अपनी नई ऊर्जा रणनीति के तहत सोलर चेन, बैटरी और ग्रीन हाइड्रोजन में भारी निवेश कर रही है। यदि सब कुछ सही रहा, तो कंपनी का शेयर प्राइस ₹2,034 तक जा सकता है, जबकि खराब स्थिति में भी ये ₹1,210 के आस-पास रह सकता है।
रिलायंस की ताकत तीन बड़े सेक्टर — O2C (ऑयल-टू-केमिकल्स), रिटेल और टेलीकॉम — में है। आने वाली तिमाही में भी कंपनी के अच्छे नतीजे आने की उम्मीद है। टेलीकॉम में 65 लाख नए ग्राहक जुड़ सकते हैं, रिटेल में 17% रेवेन्यू ग्रोथ हो सकती है, और O2C में मार्जिन मजबूत रहने की उम्मीद है।
मुकेश अंबानी का ये नया दांव न सिर्फ रिलायंस को ऊंचाइयों पर ले जा सकता है, बल्कि भारत को भी AI और नई ऊर्जा के क्षेत्र में ग्लोबल लीडर बना सकता है। निवेशकों के लिए यह एक गोल्डन मौका है, जिसे नजरअंदाज करना मुश्किल होगा।