अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ताजा टैरिफ फैसले ने वॉल स्ट्रीट को झटका दे दिया है। ट्रंप ने जापान और साउथ कोरिया से आने वाले कुछ उत्पादों पर 25% तक आयात शुल्क लगाने का ऐलान किया है। इस घोषणा के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। डाओ जोंस करीब 500 अंक गिरकर 44,406.36 पर बंद हुआ, वहीं एसएंडपी 500 में भी करीब 50 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। दोनों प्रमुख इंडेक्स कारोबारी सत्र के दौरान 1% से ज्यादा टूटे, जिससे निवेशकों में चिंता का माहौल फैल गया।
इस घटनाक्रम का असर भारत के शेयर बाजार पर भी पड़ सकता है। हालांकि भारत को लेकर ट्रंप ने कोई नकारात्मक टिप्पणी नहीं की है। इसके विपरीत, भारत के साथ ट्रेड डील की संभावनाएं जताई गई हैं, जो बाजार को थोड़ा स्थिर बनाए रख सकती हैं। मगर इसके बावजूद अमेरिकी बाजार की गिरावट का मनोवैज्ञानिक असर घरेलू निवेशकों पर पड़ेगा, जिससे बाजार की शुरुआत थोड़ी कमजोर हो सकती है।
इसके अलावा, कुछ और वैश्विक घटनाएं भी बाजार को प्रभावित कर सकती हैं। प्रमुख टेक कंपनी सैमसंग ने अप्रैल-जून तिमाही में 56% कम प्रॉफिट की आशंका जताई है। कंपनी ने बताया कि उसका मुनाफा इस बार सिर्फ 4.6 ट्रिलियन वॉन रहने की उम्मीद है, जबकि पिछले साल इसी तिमाही में 10.4 ट्रिलियन वॉन का मुनाफा हुआ था। यह प्रदर्शन पिछले छह तिमाहियों में सबसे कमजोर माना जा रहा है, जिससे टेक सेक्टर में दबाव बन सकता है और इसका असर भारत की तकनीकी कंपनियों पर भी पड़ सकता है।
उधर, कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव भी बाजार की दिशा तय करने में भूमिका निभा सकता है। हाल ही में 2% की तेजी के बाद अब तेल कीमतों में थोड़ी नरमी आई है। ब्रेंट क्रूड 0.30% गिरकर 69.37 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.35% गिरकर 67.69 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। तेल की कीमतों में यह गिरावट भारत जैसे आयात-निर्भर देश के लिए राहतभरी खबर है, क्योंकि इससे आयात लागत कम होती है और महंगाई पर भी नियंत्रण बना रहता है।
कुल मिलाकर देखा जाए तो भारतीय शेयर बाजार आज मिलेजुले संकेतों के साथ खुल सकता है। अमेरिका के बाजारों में गिरावट के चलते नेगेटिव ओपनिंग की आशंका है, लेकिन भारत से जुड़ी सकारात्मक उम्मीदें और तेल कीमतों में नरमी बाजार को सहारा दे सकती हैं। निवेशकों को सतर्कता बरतनी होगी और ग्लोबल ट्रेंड्स पर नज़र रखनी होगी।