मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में मंगलवार तड़के एक दर्दनाक हादसा हो गया। बागेश्वर धाम के पास एक ढाबे की दीवार अचानक गिर गई, जिसमें उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से आई अनीता देवी की मौत हो गई, जबकि 11 अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए। ये सभी श्रद्धालु बागेश्वर धाम में दर्शन के लिए आए थे और रात ढाबे में ठहरे हुए थे।
रात 3:30 बजे हुआ हादसा
हादसा रात करीब 3:30 बजे हुआ, जब सभी श्रद्धालु गहरी नींद में सो रहे थे। अचानक ढाबे की दीवार भरभराकर गिर गई और लोग उसके नीचे दब गए। घटना के बाद चीख-पुकार मच गई। आसपास के लोगों ने तुरंत मदद की और मलबे में दबे श्रद्धालुओं को बाहर निकालकर जिला अस्पताल पहुंचाया।
घायल श्रद्धालु अस्पताल में भर्ती
इस हादसे में मुंशीलाल कश्यप, पूनम देवी कहार, बीना देवी कश्यप, मंजू देवी कुर्मी, अरविंद कुमार पटेल, प्रिया कुमारी खखार, अंशिका कुमारी कहार, कौशल सोनी, गुलाबचंद साहू और धनेश्वरी देवी घायल हुए हैं। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में रेफर किया गया है।
मासूम बच्चियों का दर्द छलका
इस हादसे में सबसे भावुक दृश्य तब देखने को मिला, जब दो मासूम बच्चियां जिला अस्पताल में रोती-बिलखती नजर आईं। वे अपनी मां के साथ बागेश्वर धाम आई थीं, लेकिन हादसे में मां दीवार के नीचे दब गई और बच्चियां अकेली रह गईं। उनकी आंखों में डर और दर्द साफ नजर आ रहा था।
अस्पताल पर लापरवाही के आरोप
हादसे के बाद अस्पताल प्रशासन पर भी सवाल उठने लगे। घायल श्रद्धालुओं ने आरोप लगाया कि वे पूरी तरह भीग चुके थे, लेकिन उन्हें कंबल तक नहीं दिए गए और ठंड में कांपते रहे। कुछ लोगों ने इलाज में देरी और ध्यान न देने की शिकायत भी की।
सीएमएचओ के पहुंचने के बाद सुधरे हालात
स्थिति तब कुछ बेहतर हुई जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) अस्पताल पहुंचे। उन्होंने खुद तीसरी मंजिल पर जाकर घायलों की हालत देखी और तुरंत जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए। इसके बाद घायलों को कंबल मिले और इलाज की व्यवस्था में सुधार हुआ।
पुलिस भी पहुंची मौके पर
घटना की जानकारी मिलते ही सिटी कोतवाली थाना प्रभारी अरविंद सिंह दांगी भी जिला अस्पताल पहुंचे। उन्होंने इलाज में मदद की और घायलों को उचित वार्ड में भर्ती कराने में प्रशासन का सहयोग किया।
जांच के आदेश, श्रद्धालुओं में नाराजगी
इस हादसे को लेकर श्रद्धालुओं में गुस्सा है। सवाल उठ रहे हैं कि आखिर ढाबे की दीवार इतनी कमजोर क्यों थी और श्रद्धालुओं को सुरक्षित ठहरने की व्यवस्था क्यों नहीं थी। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। बागेश्वर धाम आने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए स्थानीय प्रशासन को अब सतर्क रहना होगा, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। श्रद्धालुओं की सुरक्षा और चिकित्सा सुविधा को लेकर सख्त कदम उठाने की मांग अब जोर पकड़ रही है।