फरीदाबाद/नई दिल्ली, 19 नवंबर 2025। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हरियाणा की अल-फलाह यूनिवर्सिटी को शिक्षा के नाम पर सबसे बड़े फ्रॉड के रूप में बेनकाब कर दिया है। 18-19 नवंबर 2025 को दिल्ली-एनसीआर के 19 ठिकानों पर छापेमारी के बाद ED ने यूनिवर्सिटी के चेयरमैन और अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी जावेद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार कर लिया। विशेष PMLA कोर्ट ने उन्हें 13 दिन की ED हिरासत में भेज दिया है।
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ED की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि यूनिवर्सिटी ने अपनी वेबसाइट, ब्रोशर और प्रवेश विज्ञापनों में लगातार झूठा दावा किया कि वह UGC की धारा 12B के तहत मान्यता प्राप्त है और NAAC से ‘A’ ग्रेड प्राप्त है। जबकि सच यह है कि UGC ने कभी 12B मान्यता नहीं दी और NAAC ने तो यूनिवर्सिटी को शो-कॉज नोटिस तक जारी कर फर्जी दावे हटाने को कहा था।
इन झूठे दावों के बल पर 2018 से 2025 तक यूनिवर्सिटी ने छात्रों से 415.10 करोड़ रुपये से अधिक की फीस वसूल की, जिसे ED ने “अपराध से अर्जित आय” घोषित किया है। ED के अनुसार यह राशि ट्रस्ट से जुड़ी निजी कंपनियों, शेल फर्मों और परिवार के सदस्यों के खातों में डायवर्ट की गई। छापेमारी में 50 से अधिक बैंक खातों के दस्तावेज, लैपटॉप, मोबाइल फोन और लग्जरी वाहनों से संबंधित कागजात बरामद हुए हैं।
जांच एजेंसी को संदेह है कि इन फंड्स का एक हिस्सा संवेदनशील गतिविधियों में भी इस्तेमाल हुआ। दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 2025 में ही दो FIR दर्ज की थीं, जिनमें सिद्दीकी और ट्रस्ट पर धारा 420, 467, 468, 471 और 120B के तहत मुकदमे चल रहे हैं। ED ने इन्हीं FIRs के आधार पर PMLA केस दर्ज किया। चौंकाने वाली बात यह है कि जावेद सिद्दीकी पहले भी 2006 में 7.5 करोड़ रुपये के निवेश घोटाले में दोषी ठहराए जा चुके हैं और दिल्ली के रेड फोर्ट ब्लास्ट जांच के दौरान भी उनका नाम संदिग्ध फंडिंग के संदर्भ में आया था।
UGC और NAAC ने स्पष्ट किया है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी केवल धारा 2(f) के तहत रजिस्टर्ड है, जिससे उसे डिग्री देने का अधिकार तो है, लेकिन केंद्र सरकार की कोई फंडिंग या उच्च स्तरीय मान्यता नहीं मिलती। फिर भी यूनिवर्सिटी ने हजारों छात्रों को भ्रमित कर कोर्स कराए, जिनकी डिग्री अब संदेह के घेरे में है। हरियाणा सरकार ने यूनिवर्सिटी के खिलाफ जांच कमेटी गठित कर दी है। शिक्षा मंत्रालय ने भी UGC को निर्देश दिया है कि सभी निजी यूनिवर्सिटीज की मान्यता स्थिति की ऑनलाइन रियल-टाइम ऑडिट हो।
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