बुलंदशहर, 14 नवंबर 2025। Gang Rape Case: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। खुर्जा नगर कोतवाली के निरीक्षण पर पहुंचे मेरठ रेंज के डीआईजी कलानिधि नैथानी की गाड़ी के सामने एक गैंगरेप पीड़िता ने दौड़ लगाई और रो-रोकर अपनी आपबीती सुनाई। “साहब! 6 लोगों ने मेरा सामूहिक दुष्कर्म किया, पुलिस आरोपियों को बचा रही है,” यह चीखें न केवल वायरल हो गईं, बल्कि पूरे सिस्टम की पोल खोल दीं।
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पीड़िता ने बताया कि 3 जून को गांव के छह युवकों ने उसके साथ क्रूरता की हद पार कर दी, लेकिन 10 जून को दर्ज एफआईआर के बावजूद दो आरोपी आज भी फरार घूम रहे हैं। चार आरोपी तो जेल पहुंच गए, लेकिन बाकी दो पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही। यह दर्दनाक दृश्य तब देखने को मिला जब डीआईजी नैथानी खुर्जा थाने का निरीक्षण कर रहे थे।
भाजपा राज में अत्याचार के इस ‘रोड शो’ को देखने के बाद उप्र के माननीय मुख्यमंत्री महोदय किस मुँह से विदेशों में ‘रोड शो’ करेंगे। देखते हैं मुख्यमंत्री जी इन लोगों को बर्ख़ास्त करते हैं या थाने पर बुलडोज़र चलवाते हैं।
घोर निंदनीय भी, घोर दंडनीय भी।
भाजपा जाए तो महिलाओं का मान बच… pic.twitter.com/bB7ZYBxKYQ
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 14, 2025
स्थानीय इंस्पेक्टर पंकज राय की अगुवाई में पुलिसकर्मियों ने पीड़िता को रोकने के लिए भारी बखेड़ा किया। वीडियो फुटेज में साफ दिख रहा है कि युवती को खींचा-झटका गया, लेकिन उसकी हिम्मत ने सबको मात दे दी। वह दौड़ती हुई डीआईजी की कार के आगे लेट गई और सिसकते हुए बोली, “4 लोग जेल में हैं, लेकिन 2 खुले घूम रहे।
पुलिस उन्हें संरक्षण दे रही है।” यह नजारा इतना मार्मिक था कि, डीआईजी नैथानी तुरंत गाड़ी रोककर उतरे और पीड़िता की बात ध्यान से सुनी। उन्होंने स्थानीय पुलिस को फटकार लगाई और फरार आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी के सख्त निर्देश दिए। इंस्पेक्टर पंकज राय को लाइन हाजिर कर दिया गया, और विभागीय जांच शुरू हो गई।
यह मामला उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाता है। पीड़िता का नाम गोपनीय रखा गया है, लेकिन उसके परिवार ने बताया कि घटना के बाद से वे दहशत में जी रहे हैं। आरोपी गांव में ही घूमते रहते हैं, जिससे पीड़िता को लगातार धमकियां मिल रही हैं। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे ‘पुलिस-माफिया गठजोड़’ का उदाहरण बताया, जबकि यूपी पुलिस ने सफाई दी कि कार्रवाई हो रही है।
डीआईजी नैथानी ने कहा, “पीड़िता की शिकायत पर तुरंत एक्शन लिया जाएगा। कोई भी आरोपी कानून से ऊपर नहीं।” वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जहां #JusticeForVictim ट्रेंड कर रहा है। यह घटना न केवल बुलंदशहर, बल्कि पूरे यूपी की कानून-व्यवस्था को आईना दिखाती है। पिछले साल राज्य में 5,000 से अधिक रेप केस दर्ज हुए, लेकिन सजा दर महज 30% है।
विशेषज्ञों का कहना है कि पीड़िताओं को त्वरित न्याय और संरक्षण की जरूरत है। सरकार को अब सख्त नीति अपनानी होगी, ताकि ऐसी चीखें सुनाई न दें। पीड़िता की हिम्मत सराहनीय है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह न्याय की शुरुआत है या फिर एक और अधूरी कहानी? (शब्द गिनती: ४०२)
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