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Bihar Assembly Elections 2025: शुरूआती रुझान मचा रहे हलचल, JDU ने सहयोगी पार्टी BJP को भी पछाड़ा

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Nitish Kumar

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पटना, 14 नवंबर 2025। Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझानों ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। इलेक्शन कमीशन के शुरुआती आंकड़ों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर आई है, जिसने सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को पछाड़ दिया। वोट काउंटिंग सुबह 8 बजे शुरू हुई, और दो घंटे के भीतर ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया।

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एनडीए को 110 से अधिक सीटों पर बढ़त मिली है, जबकि महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन) 55-68 सीटों तक सिमट गया। जेडीयू को 55-75 सीटों पर लीड मिल रही है, जो बीजेपी के 21-58 सीटों से कहीं अधिक है। यह रुझान नीतीश कुमार की पांचवीं बार मुख्यमंत्री बनने की राह को आसान बनाते दिख रहे हैं। चुनाव आयोग के अनुसार, कुल 243 सीटों में से एनडीए को 130 से अधिक पर बढ़त हासिल हो चुकी है, जो बहुमत के लिए जरूरी 122 का आंकड़ा पार कर गया।

जेडीयू की यह मजबूत वापसी बिहार की जनता के बीच नीतीश के ‘सुशासन’ मॉडल की स्वीकार्यता को दर्शाती है। वहीं, बीजेपी को अपेक्षित सफलता नहीं मिली, हालांकि वह एनडीए की रीढ़ बनी हुई है। महागठबंधन की ओर से आरजेडी को 45 सीटों पर लीड मिल रही है, लेकिन कांग्रेस महज 2-7 सीटों तक सीमित है।

तेजस्वी यादव की अगुवाई वाला गठबंधन ‘परिवर्तन’ के वादों के बावजूद पिछड़ गया। तेजस्वी रघोपुर से बढ़त पर हैं, लेकिन उनके भाई तेज प्रताप यादव महुआ में लोजपा के उम्मीदवार से पीछे चल रहे हैं। प्रमुख हाइलाइट्स में, पशुपति पारस की लोजपा (रा) को कुछ सीटों पर सरप्राइज मिला, जबकि प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी 3-4 सीटों पर लीड कर रही है। वोटर टर्नआउट 67.13% रहा, जो रिकॉर्ड है। बिहार बीजेपी प्रमुख दिलीप जायसवाल ने कहा, “जनता ने एनडीए पर भरोसा जताया है।

तेजस्वी का दावा उनकी अहंकारी मानसिकता दिखाता है।” जेडीयू सांसद संजय झा ने दावा किया, “एनडीए भारी बहुमत से जीतेगा, नीतीश फिर सीएम बनेंगे।” दूसरी ओर, तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा, “हम जीत रहे हैं। बदलाव आने वाला है, सरकार बनाएंगे।” आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने आरोप लगाया कि ईसीआई केवल बीजेपी की बढ़त दिखा रही है।

यह परिणाम बिहार की राजनीति में नया अध्याय लिखेंगे। नीतीश कुमार का गठबंधन तोड़-जोड़ वाला इतिहास अब स्थिरता की ओर इशारा कर रहा है। महागठबंधन को झटका लगा है, लेकिन विपक्षी एकता की परीक्षा बाकी है। काउंटिंग जारी है, और अंतिम आंकड़े शाम तक स्पष्ट हो जाएंगे। बिहार की 12 करोड़ जनता का फैसला न केवल राज्य, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करेगा। एनडीए की जीत विकास और स्थिरता का संदेश देती है, जबकि महागठबंधन को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा।

 

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