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Delhi Blast: लखनऊ था आतंकियों का प्लान-A, दिल्ली पर हमला तो था बैकअप, बम नहीं AK-47 से धधकाना था राजधानी को

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लखनऊ, 12 नवंबर 2025। Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास हाल ही में हुए विस्फोट की जांच में एनआईए को सनसनीखेज खुलासा हाथ लगा है। आतंकी मॉड्यूल का मूल प्लान दिल्ली पर हमला करने का नहीं था, बल्कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ को पहला निशाना बनाया गया था।

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जैश-ए-मुहम्मद (जेईएम) से जुड़े इस नेटवर्क ने लखनऊ के हजरतगंज और अमीनाबाद जैसे व्यस्त बाजारों में घुसपैठ कर बड़े पैमाने पर गोलीबारी का इरादा रखा था। लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और एक मुखबिर की टिप से यह प्लान एबॉर्ट हो गया, जिसके बाद दिल्ली को बैकअप टारगेट बनाया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि विस्फोटक के बजाय आतंकियों के पास AK-47 राइफलें और अन्य हथियार थे, जिनसे ‘ब्लडबाथ’ करने का खाका तैयार था।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, लखनऊ को टारगेट बनाने का कारण राज्य की सांस्कृतिक और राजनीतिक महत्वपूर्णता थी। आतंकी संगठन ने नवंबर 2025 के आसपास, दीवाली के ठीक बाद, जब बाजारों में भीड़ चरम पर होती, तब हमला करने की योजना बनाई थी। गिरफ्तार संदिग्ध डॉ. परवेज, जो लखनऊ के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में काम करता था, इस प्लान का मास्टरमाइंड था। उसके पास से बरामद दस्तावेजों में लखनऊ के मानचित्र चिह्नित थे, जहां 5-6 AK-47 राइफलों से सशस्त्र हमलावर घुसने वाले थे।

एनआईए के डीजीपी ने बताया, “यह ‘व्हाइट कॉलर टेरर’ का नया रूप था। डॉक्टरों और लैब टेक्नीशियनों ने हथियारों की तस्करी का जिम्मा संभाला था।” सहारनपुर से गिरफ्तार डॉ. अदील रईस के लॉकर से मिली AK-47 इसी कड़ी का हिस्सा थी, जो लखनऊ भेजी जानी थी। प्लान एबॉर्ट होने के बाद आतंकी बैकअप पर उतर आए। फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ. मोज़मिल अहमद और शाहीन शाहिद ने दिल्ली के लाल किले को नया लक्ष्य चुना।

यहां सुसाइड बॉम्बिंग का सहारा लिया गया, जिसमें मुख्य आरोपी उमर ने आई-20 कार में विस्फोटक लादकर हमला किया, लेकिन मूल योजना लखनऊ में फायरआर्म्स अटैक की थी, जो ज्यादा घातक साबित हो सकती थी। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग और पुलवामा से जुड़े 9 आतंकी इस चेन के लिंक थे, जिनमें तारिक, आमिर और यासिर प्रमुख। एजेंसियों ने अब तक 18 गिरफ्तारियां की हैं, जिनमें यूपी से 3 शामिल हैं। यह खुलासा उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए अलार्म बेल है। लखनऊ के डीजीपी ने कहा, “हमारी इंटेलिजेंस ने समय रहते सिग्नल पकड़ा, वरना हालात और बिगड़ सकते थे।”

जेईएम का यह मॉड्यूल जम्मू-कश्मीर से शुरू होकर यूपी और दिल्ली तक फैला था। विशेषज्ञों का मानना है कि शैक्षणिक संस्थानों में घुसपैठ रोकना जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ‘षड्यंत्र’ पर कड़ी चेतावनी दी है, जबकि गृह मंत्रालय ने यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर सिक्योरिटी बढ़ा दी है। लखनऊ अब सतर्कता के मोड में है, जहां बाजारों में सीसीटीवी और फोर्स तैनाती दोगुनी हो गई। यह घटना आतंकी नेटवर्क की गहराई को उजागर करती है, जो हथियारों से लेकर विस्फोटकों तक की रणनीति बदलते रहते हैं। आगे की जांच से और राज खुलने की उम्मीद है, ताकि ऐसी साजिशें जड़ से कुचली जा सकें।

 

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