लखनऊ, 11 नवंबर 2025। Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के निकट मचाए गए विस्फोट की घटना ने न केवल राजधानी को दहला दिया है, बल्कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश को भी हाई अलर्ट पर ला खड़ा किया है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा निवासी डॉ. उमर मोहम्मद से जुड़े इस ब्लास्ट के बाद यूपी पुलिस ने पूरे राज्य में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों, बाजारों और संदिग्ध वाहनों पर पैनी नजर रखी जा रही है।
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विशेषज्ञों का मानना है कि यह आतंकी साजिश का हिस्सा हो सकता है, जिसके तहत अन्य शहरों को निशाना बनाया जा सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वायड) और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त अभियान शुरू कर दिया है। लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी और गोरखपुर जैसे प्रमुख शहरों में चेकिंग पॉइंट्स बढ़ा दिए गए हैं।

रेलवे स्टेशनों पर सीआईएसएफ (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स) की तैनाती दोगुनी कर दी गई है। यात्रियों की फिजिकल चेकिंग के साथ-साथ सीसीटीवी निगरानी को और सख्त किया गया है। लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पर एक संदिग्ध बैग मिलने पर तत्काल बम डिस्पोजल स्क्वायड को बुलाया गया, जो फर्जी साबित हुआ, लेकिन इससे अलर्ट स्तर और ऊंचा हो गया। पुलिस के अनुसार, दिल्ली ब्लास्ट में प्रयुक्त सफेद हुंडई I 20 कार की तर्ज पर यूपी में सभी संदिग्ध वाहनों पर नजर रखी जा रही है।
एनआईए की टीमों ने पुलवामा से डॉ. उमर मोहम्मद की मां और दो भाइयों की गिरफ्तारी के बाद यूपी के सीमावर्ती जिलों में छापेमारी तेज कर दी है। फरीदाबाद से जुड़े इस ‘डॉक्टर डेथ’ नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में इंटरनेट सर्विलांस और मोबाइल लोकेशन ट्रैकिंग का सहारा लिया जा रहा है। यूपी के डीजीपी ने बताया कि राज्य में 500 से अधिक वाहनों की स्कैनिंग की गई, जिसमें कुछ संदिग्ध पाए गए जिन्हें हिरासत में लिया गया है।
इस घटना के बाद स्कूलों, कॉलेजों और धार्मिक स्थलों पर भी सतर्कता बरती जा रही है। लखनऊ के हजरतगंज और अमीनाबाद जैसे व्यस्त बाजारों में पैदल गश्त बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार ने यूपी को अतिरिक्त केंद्रीय बल उपलब्ध कराए हैं, जबकि सीमा पर बीएसएफ की तैनाती मजबूत की गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह ब्लास्ट पुलवामा हमले की याद दिलाता है, जहां स्थानीय नेटवर्क्स का इस्तेमाल किया गया था।

यूपी सरकार ने जनता से अपील की है कि कोई भी संदिग्ध गतिविधि देखने पर तुरंत 112 पर सूचना दें। दिल्ली ब्लास्ट में कोई जानमाल का नुकसान न होने से राहत है, लेकिन यूपी में सुरक्षा चूक की गुंजाइश नहीं ली जा रही। एनआईए की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, यह आईएसआईएस से प्रेरित हो सकता है, जिसके तहत डॉक्टरों जैसे सम्मानित लोगों को भर्ती किया जा रहा है।
यूपी में पिछले 24 घंटों में 20 से अधिक ड्रिल आयोजित की गईं, जिसमें आपातकालीन प्रतिक्रिया पर फोकस रहा। मुख्यमंत्री ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है, जहां अगले 48 घंटों की रणनीति पर चर्चा होगी। यह अलर्ट तब तक जारी रहेगा, जब तक मुख्य आरोपी उमर मोहम्मद को गिरफ्तार न कर लिया जाए। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि आतंकी नेटवर्क्स के नए चेहरे को भी उजागर किया है।
जहां एक ओर तकनीक का दुरुपयोग हो रहा है, वहीं परिवारिक सहयोग की भूमिका भी जांच का केंद्र बनी हुई है। यूपी पुलिस का दावा है कि राज्य को किसी भी खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।
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