विशाखापत्तनम, 14 अक्टूबर 2025। भारत की डिजिटल क्रांति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए गूगल ने अपने पहले AI हब की घोषणा की है, जो आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम (विजाग) में स्थापित होगा। यह परियोजना गूगल का भारत में अब तक का सबसे बड़ा निवेश है, जिसमें अगले पांच वर्षों (2026-2030) में लगभग 15 अरब डॉलर (करीब 1.25 लाख करोड़ रुपये) का खर्च होगा।
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गूगल, अडानी एंटरप्राइजेज (अडानीकॉनैक्स के माध्यम से) और भारती एयरटेल की साझेदारी से विकसित यह हब देश का सबसे बड़ा AI डेटा सेंटर कैंपस बनेगा, जो ग्रीन एनर्जी पर आधारित होगा और अमेरिका के बाहर गूगल का सबसे विशाल AI केंद्र होगा। यह घोषणा भारत सरकार के ‘विकसित भारत 2047’ विजन के अनुरूप है, जो AI के सुरक्षित और जिम्मेदार विकास को बढ़ावा देगी। गूगल के मुताबिक, यह हब गिगावाट-स्केल कम्प्यूट क्षमता प्रदान करेगा, जो सर्च, यूट्यूब और वर्कस्पेस जैसी वैश्विक सेवाओं के मानकों पर आधारित होगा।
यहां व्यवसायों, डेवलपर्स, शोधकर्ताओं और स्टार्टअप्स को हाई-परफॉर्मेंस, लो-लेटेंसी AI समाधान उपलब्ध होंगे, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में क्रांति लाएंगे।साझेदारों की भूमिकाएं स्पष्ट हैं। गूगल अपना पूरा AI स्टैक और उपभोक्ता सेवाएं प्रदान करेगा, जो भारतीय उद्यमों और डेवलपर्स के करीब लाएगा। अडानीकॉनैक्स (अडानी एंटरप्राइजेज और एजकॉनैक्स का 50:50 जेवी) मुख्य AI डेटा सेंटर इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करेगा, साथ ही नई ट्रांसमिशन लाइनों, क्लीन एनर्जी जनरेशन और इनोवेटिव एनर्जी स्टोरेज सिस्टम में निवेश करेगा।
यह सुनिश्चित करेगा कि कैंपस पर्यावरण-अनुकूल हो और भारत की बिजली ग्रिड की क्षमता बढ़ाए। एयरटेल विशाखापत्तनम में पर्पस-बिल्ट डेटा सेंटर और केबल लैंडिंग स्टेशन (CLS) बनाएगा, तथा हाई-कैपेसिटी फाइबर नेटवर्क विकसित करेगा, जो पूरे देश में लो-लेटेंसी कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। परियोजना के प्रमुख घटक में गिगावाट-स्केल डेटा सेंटर ऑपरेशंस शामिल हैं, जो AI वर्कलोड को संभालेंगे। इसके अलावा, नए इंटरनेशनल सबसी केबल लैंडिंग्स से भारत के पूर्वी तट पर वैश्विक कनेक्टिविटी गेटवे बनेगा, जो मुंबई और चेन्नई के मौजूदा लैंडिंग्स के साथ रूट डाइवर्सिटी बढ़ाएगा।
गूगल अपनी ऊर्जा-कुशल डेटा सेंटर प्रथाओं पर जोर देगा, जो पर्यावरण प्रभाव को कम करेगी और सस्टेनेबल ग्रोथ को बढ़ावा देगी।इस हब से भारत में हाई-वैल्यू जॉब्स सृजित होंगे, आर्थिक गतिविधियां तेज होंगी और डिजिटल समावेशन मजबूत होगा। विशाखापत्तनम को वैश्विक टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करेगा, जो AI-ड्रिवन फ्यूचर में भारत को लीडर बनाएगा। यह साझेदारी न केवल तकनीकी नवाचार लाएगी, बल्कि ग्रीन एनर्जी के माध्यम से जलवायु लक्ष्यों को भी पूरा करेगी। कुल मिलाकर, यह भारत को AI-फर्स्ट नेशन बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
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