रामपुर, 14 अक्टूबर 2025। Azam Khan: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की हालिया जेल रिहाई के बाद एक नई चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। रिहाई के तुरंत बाद आजम खान को कई लोगों को पहचानने में कठिनाई हो रही है। सपा की सांसद रूचि वीरा ने इसकी वजह बताते हुए कहा कि लंबे समय तक जेल में रहने के कारण उनका सामाजिक जीवन पूरी तरह सीमित हो गया था।
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जेल की चारदीवारी ने उन्हें बाहरी दुनिया से काट दिया, जिससे चेहरे और नाम याद रखना मुश्किल हो गया। रूचि वीरा ने कहा, “आजम साहब पर 114 मुकदमे चल रहे थे, जिसके चलते वे वर्षों से कैद थे। अब रिहा होकर सामान्य जीवन में लौटना आसान नहीं।” यह बयान सितापुर जेल से रिहाई के बाद आया, जहां रूचि वीरा खुद मौजूद थीं।
जेल का लंबा दौर
आजम खान पर 2019 से दर्ज मुकदमों के कारण वे लगभग छह वर्ष जेल में रहे। इस दौरान न केवल टीवी या अखबारों का संपर्क सीमित था, बल्कि सामाजिक मेलजोल भी शून्य। रूचि वीरा ने बताया कि जेल में रहने वाले कैदी बाहरी परिवर्तनों से अनभिज्ञ रह जाते हैं। “वे नई पीढ़ी के चेहरों को नहीं जानते, जो राजनीति में आए हैं। यह सामान्य है, समय के साथ ठीक हो जाएगा।” पार्टी के अंदरूनी कलह के बीच यह बयान एकजुटता का संदेश देता है।
रिहाई का स्वागत
हाई के मौके पर सपा नेताओं ने आजम का भव्य स्वागत किया। रूचि वीरा, जो मुरादाबाद से सांसद हैं, ने कहा कि आजम खान पार्टी के खून-पसीने से बने हैं। उन्होंने बसपा में जाने की अफवाहों को सिरे से खारिज करते हुए कहा, “आजम साहब सपा के प्रति वफादार हैं। हम सब एक परिवार हैं।” यह बयान मोहिबुल्लाह नदवी जैसे नेताओं के साथ तकरार के बीच आया, जहां रूचि ने संयम बरतने की अपील की।
विशेषज्ञों का मानना है कि मानसिक तनाव और अलगाव से ऐसी दिक्कतें आम हैं। सपा ने आजम को रिहा करने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। रूचि वीरा ने कहा, “हमारी सरकार जल्द सत्ता में आएगी, तब आजम साहब को न्याय मिलेगा।” यह घटना राजनीतिक कैदियों की जिंदगी की कठोर सच्चाई उजागर करती है।
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