संभल, 13 अक्टूबर 2025। ED-CBI-IT Raid: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में सोमवार सुबह छह बजे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग (आईटी) की संयुक्त टीमों ने मीट कारोबारियों हाजी इमरान और हाजी इरफान (जिन्हें हाजी ब्रदर्स के नाम से जाना जाता है) के ठिकानों पर धावा बोल दिया। दिल्ली से रवाना हुईं ये टीमें लगभग 70 गाड़ियों में सवार होकर पहुंचीं, जिसमें 100 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे।
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कार्रवाई का मुख्य लक्ष्य हाजी ब्रदर्स के आवास, फैक्ट्री और कंपनी के चार कर्मचारियों के घर थे, जहां से कथित मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताओं के सबूत जुटाए जा रहे हैं। यह छापेमारी संभल कोतवाली क्षेत्र के चिमयावली गांव स्थित इंडियन फ्रोजन फूड कंपनी की फैक्ट्री पर केंद्रित रही, जो हाजी इरफान के स्वामित्व वाली है। इसके अलावा, थाना हयातनगर क्षेत्र के सरायतरीन के मोहल्ला भूडा में हाजी इरफान का आलीशान आवास भी घेर लिया गया।

कंपनी के चार कर्मचारियों के घरों पर भी एक साथ दबिशें दी गईं। अधिकारियों ने फैक्ट्री और संपत्तियों को सील करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में वाहनों और अफसरों की मौजूदगी से पूरा इलाका थम सा गया। हाजी ब्रदर्स का मीट कारोबार उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश सहित तीन राज्यों में फैला हुआ है, जहां मीट प्रोसेसिंग और फ्रोजन फूड उत्पादन की कई फैक्टरियां संचालित हैं।
अनुमान के मुताबिक, उनका साम्राज्य 1000 करोड़ रुपये का है, जो मुरगे, बकरे और अन्य मीट उत्पादों के निर्यात-आयात पर आधारित है। ईडी और सीबीआई को शक है कि इस कारोबार के जरिए काले धन की सफेदी की गई, टैक्स चोरी की गई और हवाला जैसे अवैध लेन-देन हुए। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक आरोप-पत्र या गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन जांच एजेंसियां दस्तावेजों, बैंक रिकॉर्ड्स और संपत्तियों की तलाशी ले रही हैं।
कार्रवाई के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रांतीय सशस्त्र केंद्रीय (पीएसी) बल की भारी फोर्स तैनात की गई। संभल के एसएसपी और जिलाधिकारी ने स्थानीय स्तर पर निगरानी बढ़ा दी है, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। हाजी ब्रदर्स के पक्ष से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के अनुसार, वे पूर्ण सहयोग का दावा कर रहे हैं। यह कार्रवाई बिहार और यूपी में हाल की अन्य मनी लॉन्ड्रिंग जांचों की कड़ी का हिस्सा लग रही है, जहां मीट एक्सपोर्ट से जुड़े कारोबार पर नजर टिकी हुई है।

विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है, जबकि सत्ताधारी भाजपा ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम बताया। संभल जैसे संवेदनशील जिले में यह घटना सामाजिक तनाव भी पैदा कर सकती है, क्योंकि हाजी ब्रदर्स स्थानीय मुस्लिम समुदाय के प्रमुख कारोबारी हैं। जांच जारी है और अगले कुछ घंटों में और खुलासे हो सकते हैं। कुल मिलाकर, यह छापेमारी न केवल हाजी ब्रदर्स के साम्राज्य को हिला रही है, बल्कि पूरे मीट इंडस्ट्री में हलचल मचा रही है।
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