नई दिल्ली, 12 अक्टूबर 2025। Chidambaram Statement: पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम के एक विवादास्पद बयान ने पार्टी में हंगामा मचा दिया है। हिमाचल प्रदेश के कसौली में शनिवार को आयोजित खुशवंत सिंह साहित्य महोत्सव के दौरान चिदंबरम ने 1984 के ऑपरेशन ब्लू स्टार को ‘गलती’ करार देते हुए कहा कि यह स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को हटाने का गलत तरीका था।
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उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर निशाना साधते हुए कहा, “ऑपरेशन ब्लू स्टार गलत था। श्रीमती गांधी ने इस गलती की कीमत अपनी जान देकर चुकाई।” चिदंबरम ने जोर देकर कहा कि यह फैसला केवल इंदिरा गांधी का नहीं, बल्कि सेना, खुफिया एजेंसियों, पुलिस और सिविल अधिकारियों का संयुक्त निर्णय था।
उन्होंने 1988 के ऑपरेशन ब्लैक थंडर का उदाहरण देते हुए दावा किया कि सेना को शामिल न करने से बेहतर परिणाम मिले थे। इस बयान से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बेहद नाराज है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, आलाकमान का मानना है कि वरिष्ठ नेताओं को ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर सार्वजनिक बयान देने से पहले सोचना चाहिए, क्योंकि इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचता है। एक नेता ने कहा, “चिदंबरम को कांग्रेस से सब कुछ मिला है, फिर भी वे बार-बार ऐसी टिप्पणियां करते हैं जो हमें शर्मिंदा करती हैं। यह आदत नहीं बननी चाहिए।”
हाल ही में चिदंबरम के 26/11 हमलों पर दिए बयान से भी पार्टी असहज हुई थी, और अब यह बयान सिख समुदाय के बीच पुराने जख्म कुरेदने जैसा माना जा रहा है। कांग्रेस नेता राशिद अलवी ने चिदंबरम की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “ये तो वही कर रहे हैं जो भाजपा करती है। शक होता है कि कहीं वे भाजपा के एजेंडे पर तो नहीं चल रहे? बिहार चुनाव के समय ऐसे बयान पार्टी को नुकसान पहुंचाते हैं।”
अलवी ने चिदंबरम से अपील की कि वे अपनी ही पार्टी की कमियों पर बोलें, न कि ऐतिहासिक फैसलों पर सवाल उठाएं। विपक्षी दलों ने भी मौके का फायदा उठाया। भाजपा प्रवक्ता आरपी सिंह ने चिदंबरम के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि ऑपरेशन ब्लू स्टार टाला जा सकता था, लेकिन इंदिरा गांधी ने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसा किया, जिसका खामियाजा सिख समुदाय ने भुगता।
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा। पार्टी के अंदर सवाल उठ रहे हैं कि क्या आलाकमान चिदंबरम के खिलाफ कोई कदम उठाएगा? सूत्र बताते हैं कि शीर्ष नेतृत्व ने वरिष्ठ नेताओं को सावधानी बरतने की नसीहत दी है। यह विवाद तब और गहरा गया जब चिदंबरम ने इंदिरा गांधी को पूरी तरह जिम्मेदार न ठहराने की बात कही।
ऑपरेशन ब्लू स्टार, जो 1-10 जून 1984 को चला, दमदमी टकसाल नेता जरनैल सिंह भिंडरांवाले को स्वर्ण मंदिर से निकालने के लिए था। इसके बाद 31 अक्टूबर को इंदिरा गांधी की हत्या हो गई, जिससे 1984 के सिख विरोधी दंगे भड़क उठे। कांग्रेस के लिए यह बयान असमय आया है, जब पार्टी बिहार चुनाव की तैयारी में जुटी है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि ऐसे बयान विपक्ष को हथियार देते हैं। क्या चिदंबरम को चुप रहने की हिदायत मिलेगी या कोई बड़ा फैसला होगा? सियासी गलियारों में इसी बहस का दौर चल रहा है।
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