अयोध्या, 10 अक्टूबर 2025। PM Modi Ayodhya Visit: अयोध्या की पावन धरती पर एक और ऐतिहासिक क्षण साकार होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर 2025 को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के ध्वजारोहण समारोह में शिरकत करेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है। यह आयोजन न केवल मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक होगा, बल्कि पूरे विश्व को संदेश देगा कि भगवान राम का यह भव्य मंदिर अब अंतिम चरण में प्रवेश कर चुका है।
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राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि पीएम मोदी का विजन है कि यह मंदिर मात्र भारत का नहीं, अपितु वैश्विक स्तर पर सभी वर्गों, क्षेत्रों और विचारधाराओं के लोगों का गौरव का केंद्र बने। उनका सपना है कि हर कोई इसे हृदय से अपनाए और गर्व महसूस करे। 25 नवंबर का दिन अयोध्या के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से अंकित हो जाएगा। इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी स्वयं मुख्य शिखर पर 21 फीट ऊंचे भव्य ध्वज का ध्वजारोहण करेंगे।

इसके साथ ही परकोटे के पांच महत्वपूर्ण मंदिरों पर भी ध्वज फहराए जाएंगे। समिति की हालिया बैठक में ध्वजों का स्वरूप, आकार, रंग और प्रतीक चिह्नों को अंतिम रूप दिया गया है। इस पूरे कार्य की जिम्मेदारी ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को सौंपी गई है। यह समारोह विवाह पंचमी की अत्यंत शुभ मुहूर्त पर आयोजित होगा, जो राम-सीता के विवाह का प्रतीक है। इससे पूर्व, 21 से 25 नवंबर तक पांच दिवसीय वैदिक अनुष्ठान का भव्य आयोजन होगा। इसमें अयोध्या और काशी के प्रख्यात विद्वान वेदपाठी भाग लेंगे।
इन दिनों विशेष धार्मिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक कार्यक्रम और भक्ति संगीत के माध्यम से भक्तों को आध्यात्मिक आनंद प्रदान किया जाएगा। नृपेंद्र मिश्र ने खुलासा किया कि मंदिर परिसर में वाटिका का निर्माण कार्य नवंबर तक पूर्ण हो जाएगा। अब तक लगभग 700 पौधे रोपे जा चुके हैं, और परिसर का करीब 70 प्रतिशत क्षेत्र हरियाली से आच्छादित कर दिया जाएगा। यह पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अयोध्या को हरित और शांतिपूर्ण बनाने की दिशा में योगदान देगा।
यह ध्वजारोहण समारोह राम मंदिर आंदोलन की लंबी यात्रा का चरमोत्कर्ष होगा। 1992 के कारसेवा से लेकर 2024 के प्राण प्रतिष्ठा समारोह तक, यह मंदिर भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म की विजय का प्रतीक बन चुका है। पीएम मोदी की उपस्थिति से यह संदेश जाएगा कि भारत की प्राचीन परंपराएं आधुनिक भारत के निर्माण में जीवंत भूमिका निभा रही हैं।
अयोध्या न केवल धार्मिक केंद्र बनेगी, बल्कि पर्यटन और आर्थिक विकास का हब भी। हालांकि, ट्रस्ट ने स्पष्ट किया है कि यह आयोजन सभी के लिए खुला रहेगा, ताकि विविधता में एकता का संदेश फैले। विपक्षी दलों की ओर से अभी कोई टिप्पणी नहीं आई है, लेकिन यह घटना राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने वाली साबित होगी। कुल मिलाकर, 25 नवंबर अयोध्या को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा, जहां राम का ध्वज न केवल मंदिर पर, बल्कि करोड़ों हृदयों में लहराएगा।
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