लखनऊ, 7 अक्टूबर। UP Crime: ऑनलाइन गेम की लत में एक युवक ने न सिर्फ अपनी जिंदगी बर्बाद की, बल्कि मां के सीने पर भी वार कर दिया। ऑनलाइन गेम ‘एविएटर’ में करीब 10 लाख रुपये हारने के बाद बेटा घर से जेवर चुराने की कोशिश कर रहा था, तभी मां ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। डर के मारे उसने पेचकस से मां पर ताबड़तोड़ वार किए और फिर गैस सिलिंडर से सिर पर प्रहार कर हत्या कर दी।
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यह सनसनीखेज वारदात उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में तीन अक्टूबर को हुई, जिसका खुलासा तीन दिन बाद सोमवार को हुआ। पुलिस ने आरोपी बेटे को फतेहपुर से गिरफ्तार कर लिया है। पीड़िता रेनू यादव (42) एक डेयरी संचालक रमेश यादव की पत्नी थीं। डीसीपी निपुण अग्रवाल के मुताबिक, आरोपी उनका इकलौता बेटा निखिल (21) बीए का छात्र था, लेकिन एक साल से ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी की लत में डूबा हुआ था।

पूछताछ में निखिल ने कबूल किया कि उसने एविएटर गेम में कुल 50 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन किया, जिसमें से 10 लाख हाल ही में हार गया। पैसे उधार चुकाने के लिए उसने कई ऑनलाइन ऐप्स से हाई-इंटरेस्ट लोन लिया था। इन ऐप्स पर ब्याज की मार इतनी भारी थी कि कर्जदाता लगातार फोन कर रकम वसूलने का दबाव बना रहे थे। निखिल ने बताया कि वे उसके मोबाइल डेटा का दुरुपयोग कर ब्लैकमेल करने की धमकी भी दे रहे थे।
तीन अक्टूबर को निखिल अपनी मां को मायके से काकोरी लाया। रेनू थकान के मारे सो गईं, तो उसने मौका देखते हुए अलमारी से जेवर निकालने शुरू कर दिए, तभी रेनू जाग गईं और बेटे को चोरी करते हुए देख लिया। पकड़े जाने के डर से निखिल का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया। उसने पास पड़ी पेचकस उठाई और मां के सीने व सिर पर कई वार कर दिए। रेनू खून से लथपथ हो गईं, लेकिन निखिल का क्रोध शांत न हुआ। उसने रसोई से गैस सिलिंडर खींचा और मां के सिर पर जोरदार प्रहार किया।
मां की मौत हो गई। फिर निखिल ने चोरी के जेवर और पिता की बाइक लेकर फरार हो गया। हत्या के बाद निखिल ने सीन को क्राइम सीन बना दिया। उसने मामा और दोस्तों को फोन कर झूठी कहानी गढ़ी कि घर में कुछ बदमाश घुस आए, लूटपाट की और मां पर हमला कर दिया। खुद को हीरो बताते हुए कहा कि वह बदमाशों का पीछा करने गया है।
परिजन दौड़ते हुए घर पहुंचे तो रेनू खून में डूबी पड़ी मिलीं, जबकि निखिल गायब था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तो पता चला कि निखिल कैंट होते हुए चारबाग स्टेशन पहुंचा और त्रिवेणी एक्सप्रेस से फतेहपुर की ओर भागा। छापेमारी में सुल्तानपुर गांव से उसे धर दबोचा गया। पूछताछ में निखिल ने सब कबूल कर लिया। पता चला कि वह पहले भी जेवर चुरा चुका था और दोस्तों व एक महिला मित्र से पैसे ऐंठे थे। पुलिस ने महिला मित्र से भी सवाल-जवाब किए। निखिल ने कहा कि लोन की मार से परेशान था, लेकिन हत्या का इरादा नहीं था।
बेटे की सच्चाई सुनते ही पिता रमेश यादव टूट गए। गुस्से में चीखे, “पैसे चाहिए थे, तो मांग लेता, मां को क्यों मारा?” उन्होंने पुलिस से निखिल को फांसी की सजा देने की मांग की और कहा, “अगर मेरे हवाले कर दो तो खुद बेटे को गोली मार दूंगा।” यह घटना ऑनलाइन गेमिंग की खतरनाक लत पर सवाल खड़े कर रही है, जहां युवा परिवार उजाड़ रहे हैं। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर आगे जांच शुरू कर दी है।
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