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बंद कॉलेज में चल रही फैक्ट्री से 47 लाख के अवैध पटाखे बरामद, प्रिंसिपल समेत 4 गिरफ्तार

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Illegal firecrackers

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प्रतापगढ़, 6 अक्टूबर 2025। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में सोमवार को एक चौंकाने वाली घटना ने सबको हैरान कर दिया। पट्टी थाना क्षेत्र के सपहा छात गांव स्थित सुखराज सिंह बालिका महाविद्यालय, जो लंबे समय से बंद पड़ा था, उसके अंदर अवैध पटाखा फैक्ट्री चल रही थी। तहसील प्रशासन और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी कर 47 लाख रुपये मूल्य के अवैध पटाखे और बारूद का भारी जखीरा बरामद किया। इस कार्रवाई में कॉलेज के प्रिंसिपल आद्या सिंह समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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यह घटना न केवल अवैध कारोबार का खुलासा करती है, बल्कि शैक्षणिक संस्थानों के दुरुपयोग को भी उजागर करती है। पुलिस के अनुसार, छापेमारी के दौरान कॉलेज के 14 कमरों में पटाखों का निर्माण और स्टोरेज चल रहा था। इन कमरों में हजारों किलोग्राम बारूद, केमिकल्स और तैयार पटाखे भरे पड़े थे, जो विस्फोटक खतरे का कारण बन सकते थे। कॉलेज का प्रबंधन इस अवैध गतिविधि को अंजाम दे रहा था, जहां मुस्लिम महिला मदीना बेगम सहित अन्य कारोबारी सक्रिय थे।

मदीना बेगम को पटाखा कारोबार का मुख्य सूत्रधार बताया जा रहा है, जो बुर्का पहनकर गतिविधियों को छिपाती थीं। गिरफ्तार अन्य दो व्यक्तियों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन वे निर्माण प्रक्रिया में सहयोगी थे। थाना पट्टी पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि यह कार्रवाई अवैध पटाखा निर्माण एवं बिक्री के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है।

यह घटना त्योहारों के मौसम में और भी गंभीर है, जब पटाखों की मांग चरम पर होती है। अवैध पटाखे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि जानलेवा दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ाते हैं। पिछले वर्षों में कई ऐसी घटनाएं घटी हैं, जहां अवैध फैक्ट्री में विस्फोट से कई जिंदगियां गईं। प्रतापगढ़ एसपी डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि आरोपी पूरे जिले में पटाखे सप्लाई कर रहे थे, और जांच में और भी खुलासे हो सकते हैं। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट और एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

कॉलेज प्रबंधन पर भी कार्रवाई की जा रही है, क्योंकि यह शैक्षणिक संस्थान था जो अब अपराध का अड्डा बन चुका था। प्रशासन का यह सख्त कदम अवैध कारोबार पर लगाम कसने का संदेश देता है। स्थानीय निवासियों ने राहत व्यक्त की है, क्योंकि यह फैक्ट्री उनके गांव के लिए खतरा बनी हुई थी। पुलिस ने अपील की है कि कोई भी अवैध गतिविधि की जानकारी मिलने पर तुरंत सूचना दें। यह घटना उत्तर प्रदेश में चल रहे पटाखा नियंत्रण अभियान की सफलता का उदाहरण है, लेकिन इससे साफ है कि अपराधी नए-नए तरीकों से सक्रिय हो रहे हैं।

सरकार की नीतियों के बावजूद, ग्रामीण इलाकों में निगरानी बढ़ाने की जरूरत है। कुल मिलाकर, यह छापेमारी न केवल आर्थिक नुकसान रोकेगी, बल्कि सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत करेगी। आगे की जांच से और भी तथ्य सामने आ सकते हैं।

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