दार्जिलिंग, 6 अक्टूबर 2025। Darjeeling Landslide: पश्चिम बंगाल के उत्तरांखंडी इलाकों में लगातार मूसलाधार बारिश ने भयानक तबाही मचा दी है। दार्जिलिंग और कालिम्पोंग जिलों में भूस्खलन, बाढ़ और पुलों के ढहने से अब तक 23 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 7 बच्चे शामिल हैं। कई लोग अभी भी लापता हैं और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। सबसे ज्यादा प्रभावित मिरिक इलाका है, जहां 11 से अधिक मौतें हुई हैं।
इसे भी पढ़ें- वैष्णो देवी मार्ग पर भूस्खलन, 30 की मौत, यातायात ठप, राहत कार्य जारी
सुकियापोखरी में 6 और बिजनबाड़ी में 1 मौत की पुष्टि हो चुकी है। एनडीआरएफ, स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन दलों ने बचाव कार्य तेज कर दिया है, लेकिन लगातार बारिश और फिसलन भरी सड़कों से राहत पहुंचाना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। शनिवार शाम से शुरू हुई यह भारी वर्षा ने पहाड़ी इलाकों को निगल लिया। बालासन नदी पर स्थित दूधिया आयरन ब्रिज और मिरिक-कुर्सियांग को जोड़ने वाला दुदिया ब्रिज भरभराकर ढह गया, जिससे सिलीगुड़ी और दार्जिलिंग के बीच संपर्क पूरी तरह टूट गया।
राष्ट्रीय राजमार्ग 110 पर हुसैन खोला, एनएच-717ई पर पेडोंग-रिशिखोला और एनएच-10 पर कई जगह भूस्खलन से वैकल्पिक मार्ग भी बंद हो गए। सिक्किम राज्य से सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है, जबकि कालिम्पोंग में संचार सेवाएं बाधित हैं। मलबे से सड़कें अवरुद्ध हैं और हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं। दार्जिलिंग पुलिस ने हेल्पलाइन नंबर +91 91478 89078 जारी किया है, जहां फंसे लोगों को सहायता मिल सकती है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थिति पर गहरी चिंता जताई और कहा कि प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद दी जाएगी।
वे सोमवार को उत्तर बंगाल का दौरा करेंगी, जहां राहत वितरण और बचाव कार्यों का जायजा लेंगी। टीएमसी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने मिरिक, जोरबंगलो, सुखियापोखरी और फालाकाटा को सबसे प्रभावित बताते हुए कार्यकर्ताओं से मदद की अपील की। विपक्षी नेता सुवेंदु अधिकारी ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए मुख्य सचिव से तत्काल राहत और संचार बहाली की मांग की। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य और दार्जिलिंग सांसद राजू बिष्ट ने शोक व्यक्त किया और कार्यकर्ताओं को राहत कार्य में जुटने का निर्देश दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शोक संदेश जारी कर हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मौसम विभाग ने दार्जिलिंग, कालिम्पोंग, कूचबिहार, जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार में रेड अलर्ट जारी किया है। अगले 24 घंटों में भारी बारिश जारी रहने की चेतावनी दी गई है, जिससे तीस्ता और माल नदियां उफान पर हैं। डुआर्स और मालबाजार में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। महानंदा नदी का तटबंध टूटने से राजगंज प्रखंड के पोराझार में जलभराव हो गया, कई घर और खेत डूब गए।
बांकुरा जिले में 24 घंटों में 65.8 मिमी बारिश दर्ज की गई। प्रशासन ने स्कूल बंद कर दिए हैं और निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया है। रेल यातायात भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पूर्वोत्तर सीमा रेलवे ने कई ट्रेनें डायवर्ट, रद्द या आंशिक रद्द की हैं। अलीपुरद्वार-दिल्ली एक्सप्रेस, कामाख्या-डॉ. अंबेडकर नगर एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों के रूट बदले गए।
कांचनकन्या एक्सप्रेस आंशिक रद्द है, जबकि न्यू जलपाईगुड़ी-अलीपुरद्वार टूरिस्ट स्पेशल पूरी तरह रद्द। यात्रियों से ट्रेन स्थिति जांचने की अपील की गई है। यह आपदा जलवायु परिवर्तन और अवैध निर्माण की अनदेखी को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि पहाड़ी ढलानों पर मिट्टी खिसकने से ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं। सरकार ने प्रभावितों के लिए 5 लाख रुपये की सहायता घोषित की है। बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन बारिश रुकने तक खतरा बरकरार है।
इसे भी पढ़ें- Flood in UP: उत्तर प्रदेश में बाढ़ और बारिश का कहर, चित्रकूट, औरैया में चार की मौत, कानपुर में गंगा उफनाई