नई दिल्ली, 1 अक्टूबर 2025। दिल्ली सरकार ने कार्यस्थलों पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों से निपटने के लिए गठित आंतरिक शिकायत समितियों (आईसीसी) की कार्यप्रणाली को जांचने का फैसला किया है। श्रम विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे दिल्ली के विभिन्न कार्यस्थलों पर ऐसी समितियों का सर्वे करें। यह कदम कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा और यौन उत्पीड़न की रोकथाम के लिए लागू पॉश (POSH – Prevention of Sexual Harassment) अधिनियम, 2013 के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
श्रम विभाग ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे कार्यालयों, कारखानों, और अन्य कार्यस्थलों पर जाकर यह जांच करें कि क्या वहां आईसीसी का गठन किया गया है और क्या ये समितियां प्रभावी ढंग से काम कर रही हैं। सर्वे में यह भी देखा जाएगा कि समितियों में निर्धारित नियमों के अनुसार सदस्यों की नियुक्ति हुई है या नहीं। इसके अलावा, समितियों द्वारा प्राप्त शिकायतों के निपटारे की प्रक्रिया, समयबद्धता और निष्पक्षता की भी जांच होगी।
श्रम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस सर्वे का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कार्यस्थल पर महिलाएं सुरक्षित महसूस करें और यौन उत्पीड़न की शिकायतों का निपटारा पारदर्शी तरीके से हो। यदि किसी कार्यस्थल पर आईसीसी का गठन नहीं हुआ है या वह ठीक से काम नहीं कर रही, तो संबंधित संस्थान के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। यह सर्वे विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर केंद्रित होगा जहां कर्मचारियों की संख्या 10 या अधिक है, क्योंकि पॉश अधिनियम के तहत ऐसे कार्यस्थलों पर आईसीसी का गठन अनिवार्य है।
दिल्ली सरकार का यह कदम कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति बढ़ते यौन उत्पीड़न के मामलों को देखते हुए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इस सर्वे के आधार पर कमियों को दूर करने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, कर्मचारियों को पॉश अधिनियम के प्रति जागरूक करने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जाएंगे।