लखनऊ, 29 सितंबर 2025। Recruitment Scam: उत्तर प्रदेश में एक्सरे और लैब टेक्नीशियन की भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। विभागीय अधिकारियों की मनमानी के चलते 2016 की एक्सरे टेक्नीशियन भर्ती में नियमावली में बदलाव के लिए राज्यपाल की मंजूरी से पहले ही नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए, जिसने प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
2013 में एक्सरे टेक्नीशियन के 287 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन गंभीर अनियमितताओं के आरोपों के बाद 21 जून 2014 को इसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद 2015 में अधीनस्थ चयन आयोग के गठन के साथ 403 पदों के लिए नए सिरे से आवेदन मांगे गए। नियमों के अनुसार, मेरिट सूची हाईस्कूल, इंटरमीडिएट और डिप्लोमा के अंकों के आधार पर 50 अंक और साक्षात्कार के 50 अंकों के आधार पर तैयार होनी थी।
हालांकि, अधिकारियों ने नियमों में बदलाव कर साक्षात्कार के अंकों को 100 से घटाकर 20 कर दिया। इस बदलाव के लिए राज्यपाल की मंजूरी के लिए प्रस्ताव भेजा गया, लेकिन मंजूरी मिलने से पहले ही मई 2016 में 20 अंकों के आधार पर साक्षात्कार आयोजित कर लिया गया। 17 मई को परिणाम घोषित हुए और 25 मई को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए। जबकि, राज्यपाल की मंजूरी का आदेश 10 जून 2016 को विशेष सचिव अशोक कुमार श्रीवास्तव द्वारा जारी हुआ, जिसमें समूह ‘ग’ के पदों के लिए साक्षात्कार के अधिकतम 20 अंक तय किए गए।
इस समय तक कई चयनित उम्मीदवार कार्यभार ग्रहण कर चुके थे। हैरानी की बात यह है कि 2016 की इस भर्ती में एक चयनित उम्मीदवार के नाम पर पांच से छह लोगों ने विभिन्न जिलों में कार्यभार ग्रहण किया। इस मामले में छह लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है, जबकि अन्य की जांच जारी है। इस घोटाले ने भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए हैं। प्रशासन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है, लेकिन यह घटना सरकारी भर्ती प्रणाली में सुधार की जरूरत को उजागर करती है।
इसे भी पढ़ें- Recruitment Scam: उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग में भर्ती घोटाला, एक नाम पर 6 नौकरियां, 2016 की भर्ती पर उठे सवाल