अमेरिका, 27 सितंबर 2025। वॉशिंगटन और पाकिस्तान के बीच रणनीतिक संबंधों में नया मोड़ आया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में फरवरी 2025 में घोषित $397 मिलियन (करीब 3,300 करोड़ रुपये) की फंडिंग को पाकिस्तानी आर्मी चीफ को ‘गिफ्ट’ के रूप में देखा जा रहा है। यह फंडिंग पाकिस्तान एयर फोर्स (PAF) के मौजूदा F-16 फाइटर जेट्स के रखरखाव के लिए है, लेकिन मीडिया और सोशल मीडिया पर अफवाहें उड़ रही हैं कि इसमें 16 नए F-16 जेट्स का ‘गिफ्ट’ शामिल है।
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हालांकि, अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह फंडिंग केवल टेक्निकल सिक्योरिटी टीम (TST) के जरिए जेट्स के उपयोग की निगरानी के लिए है, ताकि ये केवल काउंटर-टेररिज्म में इस्तेमाल हों, न कि भारत के खिलाफ। फिर भी, यह कदम भारत के लिए चिंता का विषय बन गया है, क्योंकि पाकिस्तान के पास पहले से ही 75 F-16 जेट्स हैं, जो दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। ट्रंप प्रशासन ने जनवरी 2025 में विदेशी सहायता पर 90-दिवसीय फ्रीज लगाया था, लेकिन पाकिस्तान को अपवाद देते हुए यह फंडिंग जारी की गई।
इसका उद्देश्य पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ सहयोग के लिए प्रोत्साहित करना है, खासकर अफगानिस्तान सीमा पर तालिबान और आईएसआईएस-के के खिलाफ। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, TST यूनिट अमेरिकी ठेकेदारों द्वारा संचालित होगी, जो PAF के F-16 बेस पर तैनात रहेगी। ये जेट्स न्यूक्लियर कैपेबल हैं, लेकिन एंड-यूजर एग्रीमेंट के तहत इन्हें भारत या अन्य पड़ोसियों के खिलाफ इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध है। 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक के दौरान भारत ने एक F-16 को मार गिराने का दावा किया था, जिसे अमेरिका ने खारिज किया था। अब, 2025 में बढ़ते तनाव के बीच, यह फंडिंग पुरानी चोटों को कुरेद रही है।
भारत में रक्षा विशेषज्ञों ने इस पर कड़ी चेतावनी जारी की है। रिटायर्ड एयर मार्शल अजय तिवारी ने कहा, “यह फंडिंग पाकिस्तान की हवाई क्षमता को मजबूत करेगी, जो सीधे भारत की सुरक्षा को खतरे में डालती है। अगर 16 नए जेट्स की अफवाह सही निकली, तो हमारी एयर फोर्स को राफेल और S-400 सिस्टम पर निर्भर रहना पड़ेगा।” एक अन्य विशेषज्ञ, पूर्व डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हूडा ने चेताया, “ट्रंप की नीति ‘अमेरिका फर्स्ट’ है, लेकिन यह दक्षिण एशिया में भारत-पाक असंतुलन पैदा कर रही। हमें क्वाड और इंडो-पैसिफिक स्ट्रैटेजी को मजबूत करना होगा।”
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने मोदी सरकार से विदेश नीति की समीक्षा की मांग की, जबकि भाजपा ने इसे पाकिस्तान की ‘आतंक सहयोग’ के बदले बताया। इस बीच, अमेरिका ने भारत को F-35 स्टील्थ जेट्स की अप्रत्याशित पेशकश की है, जो $100 बिलियन का सौदा हो सकता है। लेकिन लागत और ऑपरेशनल चुनौतियों के कारण भारत रूस के Su-57 को प्राथमिकता दे रहा है। रूस ने भारत में Su-57 का उत्पादन शुरू करने का प्रस्ताव दिया है, जो सस्ता और विश्वसनीय विकल्प है। पाकिस्तान की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया, लेकिन आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने इसे ‘रणनीतिक साझेदारी’ का हिस्सा बताया।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फंडिंग पश्चिमी यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका की अफगान-केंद्रित रणनीति का हिस्सा है, जहां पाकिस्तान को आईएसआईएस-के के खिलाफ सहयोगी बनाना जरूरी है।भारत-पाकिस्तान के बीच 2025 में हुई सीमा झड़पों के बाद यह खबर और संवेदनशील हो गई। अगस्त 2025 में भारत ने PAF बेस शाहबाज पर हमले में कई F-16 को नष्ट करने का दावा किया, जिसे पाकिस्तान ने नकारा। वैश्विक हथियार बाजार में F-16 की मांग कम हो रही है, लेकिन अमेरिका इसे पाकिस्तान के जरिए मध्य एशिया में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए इस्तेमाल कर रहा।
भारत को अब अपनी एयर डिफेंस को अपग्रेड करने की जरूरत है, जिसमें स्वदेशी तेजस Mk-2 और AMCA प्रोजेक्ट शामिल हैं। यह घटना दक्षिण एशिया में शक्ति संतुलन की जटिलता को उजागर करती है, जहां अमेरिका की नीतियां क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित कर रही हैं। यदि नई जेट्स की डिलीवरी हुई, तो भारत को कूटनीतिक स्तर पर सक्रिय होना पड़ेगा।
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