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UP International Trade Show: अमेरिकी टैरिफ युद्ध का नहीं पड़ेगा असर, UP इंटरनेशनल ट्रेड शो में निर्यातकों को मिले 3500 करोड़ के ऑर्डर

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UP International Trade Show

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ग्रेटर नोएडा, 26 सितंबर 2025। UP International Trade Show: उत्तर प्रदेश के नोएडा में आयोजित UP इंटरनेशनल ट्रेड शो 2025 ने वैश्विक व्यापार की दुनिया में नया रंग भर दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ के बावजूद, यह आयोजन भारतीय निर्यातकों के लिए एक बड़ा अवसर साबित हुआ। शो में देश भर के निर्यातकों को कुल 3500 करोड़ रुपये के ऑर्डर मिले, जो अमेरिकी टैरिफ वॉर के असर को नाकाम करने का जीता-जागता प्रमाण है।

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राज्य सरकार का यह फ्लैगशिप B2B और B2C इवेंट न केवल उत्तर प्रदेश की औद्योगिक प्रगति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक बाजारों में विविधीकरण की रणनीति की सफलता भी दिखाता है। टैरिफ युद्ध ने भारतीय निर्यात पर गहरा असर डाला है। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य है, जहां 2024 में 87.3 अरब डॉलर का कारोबार हुआ, लेकिन 50% टैरिफ से टेक्सटाइल, चमड़ा, कार्पेट, हैंडीक्राफ्ट और ज्वेलरी जैसे क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।

उत्तर प्रदेश के निर्यात में अमेरिका को जाने वाले 36,000 करोड़ रुपये के सामान में से 31,000 करोड़ का हिस्सा अब खतरे में है। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे 35 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है और लाखों नौकरियां जोखिम में पड़ सकती हैं। नोएडा, कानपुर, वाराणसी जैसे निर्यात हबों में ऑर्डर कैंसिल हो रहे हैं, जिससे उद्योगपति चिंतित हैं, फिर भी, UP इंटरनेशनल ट्रेड शो ने उम्मीद की किरण जगाई। आयोजन में खरीदारों की सूची का विस्तार हुआ, खासकर लैटिन अमेरिका (लैटाम) से 70% अधिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की। यूरोप, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे बाजारों पर फोकस बढ़ा।

भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट वाले देशों को प्राथमिकता दी गई, जहां टैरिफ नगण्य हैं। राज्य के उद्योग मंत्री नंद गोपाल नंदी ने कहा, “अमेरिका पर निर्भरता कम करने के लिए हम नई साझेदारियां बना रहे हैं। यह शो निर्यातकों को वैकल्पिक बाजार प्रदान करेगा।”शो में टेक्सटाइल, मैन्युफैक्चरिंग, टेक, हैंडीक्राफ्ट और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों पर जोर रहा। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) स्कीम के तहत उत्तर प्रदेश के निर्यात 2017 के 80,000 करोड़ से बढ़कर 2025 में 2 लाख करोड़ हो गए। स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को प्लेटफॉर्म मिला, जहां वे वैश्विक भागीदारों से जुड़े।

केंद्र सरकार की एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन स्कीम भी चर्चा में रही, जो 2025-2031 तक 25,000 करोड़ रुपये की सहायता देगी।निर्यातक उत्साहित हैं। एक टेक्सटाइल एक्सपोर्टर ने कहा, “लैटाम से मिले ऑर्डर अमेरिकी नुकसान की भरपाई करेंगे।” सरकार ने ‘ब्रांड इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ का प्रोजेक्ट तैयार किया है। यह आयोजन साबित करता है कि रणनीतिक विविधीकरण से टैरिफ वॉर का असर न्यूनतम रहेगा। भविष्य में ऐसे इवेंट निर्यात को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे, रोजगार सृजन करेंगे और अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएंगे।

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