मुंबई, 24 सितंबर 2025। GAUTAM ADANI: सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने अडानी ग्रुप को हिंडनबर्ग रिसर्च के गंभीर आरोपों से मुक्त कर दिया है, जिसके बाद ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी ने जोशीले अंदाज में शेयरधारकों को संबोधित किया। 18 सितंबर 2025 को सेबी ने दो ऑर्डर जारी कर पुष्टि की कि अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी पोर्ट्स, और अडानी पावर पर इनसाइडर ट्रेडिंग, स्टॉक मैनिपुलेशन या फंड डायवर्जन के कोई सबूत नहीं मिले।
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इस फैसले ने हिंडनबर्ग की जनवरी 2023 की उस रिपोर्ट को खारिज कर दिया, जिसमें ग्रुप पर ‘कॉर्पोरेट फ्रॉड’ का आरोप लगाया गया था, जिससे अडानी की मार्केट वैल्यू को 100 अरब डॉलर से ज्यादा का नुकसान हुआ था।सेबी की क्लीन चिट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में 1% से 10% तक की उछाल देखी गई, जिससे ग्रुप की वैल्यूएशन 69,000 करोड़ रुपये बढ़ी। गौतम अडानी ने शेयरधारकों को लिखे पत्र में इसे ‘सत्यमेव जयते’ का क्षण बताया।
उन्होंने कहा, “हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सिर्फ हमारी कंपनियों पर हमला नहीं थी, बल्कि भारतीय उद्यमों की वैश्विक महत्वाकांक्षा को कमजोर करने की साजिश थी। सेबी का फैसला हमारी पारदर्शिता और सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।” अडानी ने उन निवेशकों के दर्द को याद किया, जिन्हें फर्जी नैरेटिव से नुकसान उठाना पड़ा, और हिंडनबर्ग से राष्ट्रीय माफी की मांग की।
अडानी ने पत्र में कवि सोहन लाल द्विवेदी की पंक्तियों का जिक्र करते हुए कहा, “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।” उन्होंने शेयरधारकों को भरोसा दिलाया कि यह क्लीन चिट ग्रुप को ग्रीन एनर्जी, इंफ्रास्ट्रक्चर, और पोर्ट्स जैसे क्षेत्रों में बड़े विकास की ओर ले जाएगी। सेबी का फैसला सुप्रीम कोर्ट की एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट से भी मेल खाता है, जिसने कोई अनियमितता नहीं पाई।
यह फैसला अडानी ग्रुप के लिए नया अध्याय खोलता है। शेयर बाजार में निवेशकों का भरोसा बढ़ा है, और ब्रोकरेज फर्मों ने ‘बाय’ रेटिंग्स दी हैं। अडानी ने इस चुनौती को ताकत में बदलकर भारत की आर्थिक प्रगति में योगदान देने का संकल्प दोहराया है। यह जीत न केवल ग्रुप की, बल्कि भारतीय उद्यमिता की भी जीत है, जो वैश्विक मंच पर नई ऊंचाइयों को छूने को तैयार है
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