लखनऊ, 20 सितंबर 2025: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आधारित बायोपिक फिल्म ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ को रिलीज होते ही ‘फ्लॉप’ करार देते हुए कटाक्ष किया। लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने फिल्म के कथानक पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह तो ‘फ्लॉप होने से पहले ही फ्लॉप हो गई है’। उन्होंने पत्रकारों से ही सवाल पूछा, ‘इसमें डायलॉग हैं या सिर्फ बीप लगी है?
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मुकदमा पलटने वाला सीक्वेंस है या नहीं? कार पलटने वाला सीन है कि नहीं? बुलडोजर स्टंट है या नहीं—सब कुछ दिखावा ही लगता है।’फिल्म ‘अजेय’ का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ था, जिसमें योगी के छात्र जीवन, गोरखपुर में संघर्ष और पूर्वांचल नेता अवधेश राय हत्याकांड जैसे घटनाक्रम दिखाए गए हैं। परेश रावल इसमें योगी के गुरु की भूमिका में हैं, जबकि भोजपुरी स्टार दिनेश लाल निरहुआ एक पत्रकार के किरदार में नजर आ रहे हैं। फिल्म 19 सितंबर को रिलीज हुई, लेकिन अखिलेश के इस तंज ने सोशल मीडिया पर हंगामा मचा दिया।
विपक्षी नेता ने इसे ‘प्रचार का साधन’ बताते हुए कहा कि असल मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए ऐसी फिल्में बनाई जा रही हैं। अखिलेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अन्य मुद्दों पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने छुट्टा पशुओं की समस्या पर निशाना साधा, कहा कि भाजपा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आश्वासन दिलवाने के बावजूद जनता को राहत नहीं दी। ‘भाजपा सरकार जनता को छुट्टा पशुओं से छुटकारा नहीं दिलवा सकी, जबकि इसके लिए मंच पर पीएम की ओर से वादे किए गए थे।’ उन्होंने गौशालाओं में गायों की मौत, चारे में भ्रष्टाचार और वन विभाग के घपलों का जिक्र किया।
जंगली जानवरों के हमलों पर चिंता जताते हुए अखिलेश ने पीड़ितों को मंच पर बुलाया और कहा कि कई जिलों में ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं, लेकिन सरकार सो रही है।दिशा पाटनी के घर फायरिंग कांड पर बोलते हुए अखिलेश ने कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। ’20 हजार एनकाउंटर होने के बावजूद अपराधी बरेली तक कैसे पहुंच जाते हैं? अगर एनकाउंटर से कानून ठीक होता, तो यह हाल न होता।’ एसआईआर मामले में उन्होंने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को समझाया जा रहा है और सहयोग की उम्मीद है।
विदेश नीति पर तंज कसते हुए बोले, ‘H-1B वीजा नहीं मिल रहा, सरकार चाहती है कि युवा विदेश न जाएं, न पढ़ें, न कमाएं—बस गोली चलाएं या रूस की आर्मी जॉइन करें।’यह तंज योगी-अखिलेश के बीच पुरानी दुश्मनी को ताजा कर रहा है। याद रहे, सितंबर 2024 में बुलडोजर एक्शन पर अखिलेश ने कहा था, ‘बुलडोजर दिल-दिमाग से नहीं, स्टीयरिंग से चलता है।’
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के बाद भी योगी ने इसे ‘माफिया विरोधी कदम’ बताया था। अखिलेश का यह हमला 2027 विधानसभा चुनावों से पहले सपा की रणनीति का हिस्सा लगता है, जहां वे ‘परिवर्तन’ का नारा दे रहे हैं।फिल्म विवाद ने उत्तर प्रदेश की राजनीति को गर्म कर दिया है। क्या यह अखिलेश की चाल है या योगी सरकार का प्रचार? समय बताएगा।
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