मुंबई, 18 सितंबर 2025। Stock Market: वैश्विक और भारतीय वित्तीय बाजारों में सोने की कीमतों में हालिया तेजी ने निवेशकों और विश्लेषकों के बीच चिंता बढ़ा दी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 2,600 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर को पार कर गया है, जबकि भारत में 10 ग्राम सोने की कीमत 76,000 रुपये से ऊपर पहुंच चुकी है।इस उछाल ने शेयर बाजार में बड़ी गिरावट की आशंकाओं को जन्म दिया है, और कुछ विशेषज्ञ इसे 1971 के ‘निक्सन शॉक’ जैसे आर्थिक संकट का संकेत मान रहे हैं। तब अमेरिका ने सोने की कीमत को डॉलर से अलग कर दिया था, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मच गई थी।
इसे भी पढ़ें-Stock Market: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट, सेंसेक्स 112 अंक लुढ़का, निफ्टी 25,000 से नीचे
सोने की कीमतों में तेजी की वजह
सोने की कीमतों में यह उछाल वैश्विक अनिश्चितता, भू-राजनीतिक तनाव और केंद्रीय बैंकों की नीतियों से प्रेरित है। अमेरिका में फेडरल रिजर्व की ब्याज दरों में कटौती की संभावना और चीन-रूस जैसे देशों द्वारा सोने की खरीदारी बढ़ाने से कीमतें चढ़ रही हैं। भारत में त्योहारी सीजन से पहले मांग बढ़ने और रुपये की कमजोरी ने भी सोने को महंगा किया है।
विश्लेषकों का कहना है कि निवेशक अनिश्चितता के दौर में सोने को ‘सुरक्षित निवेश’ मान रहे हैं, जिससे शेयर बाजार से पूंजी का पलायन हो सकता है। सोने की कीमतों में तेजी अक्सर शेयर बाजार में गिरावट का संकेत मानी जाती है। सेंसेक्स और निफ्टी हाल के हफ्तों में 82,000 और 25,000 के स्तर पर अस्थिर रहे हैं।
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगर वैश्विक आर्थिक अस्थिरता बढ़ी, तो बाजार में 5-10% की गिरावट आ सकती है। ‘निक्सन शॉक’ की तुलना इसलिए की जा रही है, क्योंकि तब सोने की कीमतों में उछाल और डॉलर की अस्थिरता ने वैश्विक शेयर बाजारों को हिलाकर रख दिया था। वर्तमान में, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और मध्य पूर्व के संकट इस जोखिम को बढ़ा रहे हैं।
सुझाव
वित्तीय सलाहकार सुझाव दे रहे हैं कि निवेशक अपने पोर्टफोलियो में 10-15% सोने का निवेश रखें, ताकि जोखिम कम हो। म्यूचुअल फंड्स और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में भी निवेश बढ़ाने की सलाह दी जा रही है। भारतीय रिजर्व बैंक ने भी बैंकों को सलाह दी है कि वे बाजार की अस्थिरता पर नजर रखें। त्योहारी सीजन में सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है। अगर वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार नहीं हुआ, तो सोने की कीमतें और चढ़ सकती हैं, जिससे शेयर बाजार पर दबाव बढ़ेगा।
भारत में सरकार और RBI मिलकर रुपये को स्थिर करने की कोशिश कर रहे हैं। निवेशकों को सलाह है कि वे घबराहट में निर्णय न लें और विशेषज्ञों की सलाह पर भरोसा करें। यह दौर चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सही रणनीति से नुकसान को कम किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें- गुजरात की कंपनी ला रही 10:1 बोनस इश्यू, शेयर होल्डर्स को 100% डिविडेंड का मिलेगा तोहफा