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महाराष्ट्र में सियासी तनाव चरम पर, अजित पवार के काफिले के सामने आत्मदाह की कोशिश, फड़नवीस के कार्यक्रम में काले झंडे

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महाराष्ट्र, 18 सितंबर 2025। महाराष्ट्र की राजनीति में मराठवाड़ा क्षेत्र से दो चौंकाने वाली घटनाएं सामने आई हैं, जो सत्ताधारी महायुति गठबंधन के लिए झटका साबित हो रही हैं। पहली घटना में उपमुख्यमंत्री अजित पवार के काफिले के ठीक सामने दो युवकों ने आत्मदाह का प्रयास किया, जबकि दूसरी में मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के कार्यक्रम में प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे लहराकर विरोध जताया। ये घटनाएं ओबीसी आरक्षण, मराठा आरक्षण और स्थानीय मुद्दों को लेकर भड़की नाराजगी का नतीजा हैं, जिससे राज्य में सियासी हलचल तेज हो गई है।

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बुधवार को बीड जिले के नगर नाका इलाके में अजित पवार ध्वजारोहण समारोह के लिए पुलिस ग्राउंड की ओर जा रहे थे। तभी कागे तालुका के दो युवक अचानक उनके काफिले के सामने आ गए। उन्होंने अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क लिया और आग लगाने की कोशिश की। स्थानीय पुलिस और सुरक्षा कर्मियों ने फुर्ती दिखाते हुए दोनों युवकों को पकड़ लिया, लेकिन हंगामा मच गया। युवकों ने नारों के बीच कहा कि वे ओबीसी समाज के अन्याय के खिलाफ यह कदम उठा रहे हैं।

खासतौर पर, मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए हैदराबाद गजट को लागू करने के फैसले से ओबीसी समुदाय में आक्रोश है। अजित पवार, जो बीड के पालकमंत्री भी हैं, ने बाद में उद्घाटन समारोह में कहा, “मैं पूरे महाराष्ट्र में घूमता हूं, लेकिन बीड जैसे जिले में ऐसी घटनाएं दुखद हैं। लोगों को आत्मचिंतन करना चाहिए। नेताओं से मिलने पर ‘वाह-वाह’ करने वाले अब विरोध क्यों?” कार्यक्रम के बावजूद, अहिल्यानगर रेलवे लाइन का उद्घाटन मुख्यमंत्री फड़नवीस, पंकजा मुंडे और सांसद बजरंग सोनवणे की मौजूदगी में संपन्न हुआ।

इसी बीच, मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम दिवस के अवसर पर फड़नवीस के कार्यक्रम में भी हंगामा हो गया। चांदेद, बीड और जालना जैसे जिलों में ओबीसी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने फड़नवीस के काफिले को रोका। उन्होंने “ओबीसी पर अन्याय बंद करो”, “हैदराबाद गजट रद्द करो” और “महायुति सरकार मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे दिखाए, मंच पर चढ़ने की कोशिश की और नारेबाजी की। चांदेद में ओबीसी नेता राजू पेरकर के नेतृत्व में यह विरोध इतना उग्र हुआ कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

फड़नवीस को संबोधन के दौरान कई जगह रुकना पड़ा। विपक्षी दलों ने इसे महायुति की आंतरिक कलह का संकेत बताया।ये घटनाएं महाराष्ट्र में आरक्षण विवाद को नई ऊंचाई दे रही हैं। मराठा आरक्षण के लिए जारेंग लेने वाले जार्नैल जारेंग पाटिल ने कहा कि ओबीसी का विरोध जायज है, लेकिन आत्मदाह जैसी घटनाएं दुखद हैं। एनसीपी ने बीजेपी से स्पष्टीकरण मांगा, जबकि शिवसेना ने इसे विपक्षी साजिश करार दिया।

विशेषज्ञों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव से पहले यह तनाव महायुति के लिए चुनौती बनेगा। पुलिस ने दोनों घटनाओं में मामले दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मराठवाड़ा में तनाव को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। अजित पवार ने अपील की कि शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दे सुलझाए जाएं, लेकिन सड़कों पर उतरा आक्रोश राज्य सरकार के लिए चिंता का विषय बन गया है।

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