Chhath Puja 2025: छठ पूजा, पूर्वी भारत का प्रमुख पर्व, सूर्य देव और छठी मैया की उपासना का प्रतीक है। यह पर्व चार दिनों तक चलता है, जिसमें पहला दिन ‘नहाय खाय’ होता है। वर्ष 2025 में छठ पूजा 2 नवंबर से शुरू होगी, और नहाय खाय 2 नवंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के कुछ हिस्सों में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है, जो प्रकृति और सूर्य की शक्ति के प्रति आभार व्यक्त करता है।
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नहाय खाय की तारीख और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, 2025 में नहाय खाय 2 नवंबर को होगा। इस दिन सूर्योदय सुबह 6:30 बजे और सूर्यास्त शाम 5:40 बजे (IST) होगा। पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:30 बजे से दोपहर 12:00 बजे तक रहेगा। यह समय स्नान और पूजा के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।
नहाय खाय की विधि
नहाय खाय के दिन व्रती (उपासक) सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी, तालाब या जलाशय में स्नान करते हैं। स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर घर की साफ-सफाई की जाती है। इसके बाद व्रती सात्विक भोजन बनाते हैं, जिसमें चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल शामिल होते हैं। यह भोजन लौकी या कद्दू के साथ बनाया जाता है और इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस दिन लहसुन, प्याज और मांसाहारी भोजन से परहेज किया जाता है। पूजा स्थल पर सूर्य देव और छठी मैया की प्रार्थना के साथ व्रत की शुरुआत होती है।
महत्व
नहाय खाय छठ पूजा का आधार है, जो शुद्धता और आत्मसंयम का प्रतीक है। यह दिन व्रती को शारीरिक और मानसिक रूप से व्रत के लिए तैयार करता है। मान्यता है कि इस दिन स्नान और सात्विक भोजन से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह पर्व परिवार की सुख-समृद्धि, संतान प्राप्ति और स्वास्थ्य के लिए किया जाता है। छठ पूजा का नहाय खाय न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। यह पर्व समुदाय को एकजुट करता है और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है। व्रतियों को इस दिन से कठिन नियमों का पालन शुरू करना होता है, जो छठ पूजा की आध्यात्मिकता को और गहरा करता है।
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