लखनऊ, 17 सितंबर 2025। हाल ही में एक नई स्टडी ने बर्थ कंट्रोल पिल्स के उपयोग और ब्रेस्ट कैंसर के खतरे के बीच संबंध को लेकर चिंता बढ़ा दी है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नेतृत्व में किए गए इस शोध में पाया गया कि हार्मोनल गर्भनिरोधक गोलियों का लंबे समय तक उपयोग करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम मामूली रूप से बढ़ सकता है। यह अध्ययन जर्नल PLOS Medicine में प्रकाशित हुआ, जिसमें 1996 से 2017 तक 9,000 से अधिक महिलाओं के डेटा का विश्लेषण किया गया।
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शोध के अनुसार, प्रोजेस्टोजेन-ओनली पिल्स और संयुक्त (एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टोजेन) गर्भनिरोधक गोलियों दोनों का उपयोग करने वाली महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम 20-30% तक बढ़ सकता है। यह जोखिम उन महिलाओं में अधिक देखा गया, जो पांच साल या उससे अधिक समय तक इन गोलियों का उपयोग करती हैं। हालांकि, अध्ययन यह भी बताता है कि पिल्स का उपयोग बंद करने के बाद यह जोखिम धीरे-धीरे कम हो जाता है। 10 साल बाद यह खतरा लगभग सामान्य स्तर पर आ जाता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह जोखिम बहुत अधिक नहीं है, लेकिन इसे नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता। खासकर उन महिलाओं के लिए, जिनके परिवार में ब्रेस्ट कैंसर का इतिहास है या जो 35 वर्ष से अधिक उम्र की हैं। शोध में यह भी सामने आया कि प्रोजेस्टोजेन-ओनली पिल्स, जिन्हें मिनी-पिल भी कहा जाता है, पहले सुरक्षित मानी जाती थीं, लेकिन अब इनका भी ब्रेस्ट कैंसर से संबंध पाया गया है। स्त्री रोग विशेषज्ञों का सुझाव है कि बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से पहले महिलाओं को अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
डॉक्टर मरीज की उम्र, पारिवारिक इतिहास, जीवनशैली और अन्य स्वास्थ्य स्थितियों को ध्यान में रखकर सही विकल्प सुझा सकते हैं। गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक जैसे कॉपर टी या कंडोम भी सुरक्षित विकल्प हो सकते हैं। यह स्टडी महिलाओं को जागरूक करने के लिए महत्वपूर्ण है, न कि डराने के लिए। विशेषज्ञों का कहना है कि बर्थ कंट्रोल पिल्स के फायदे, जैसे अनचाहे गर्भ से बचाव और मासिक धर्म संबंधी समस्याओं का समाधान, अभी भी महत्वपूर्ण हैं। लेकिन इसके दुष्प्रभावों को समझना और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना जरूरी है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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