इस्लामाबाद, 16 सितंबर 2025। Operation Sindoor: पाकिस्तान स्थित बहावलपुर के आतंकी गढ़ में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के परिवार को चूर-चूर कर दिया। पांच महीने बाद संगठन के टॉप कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने एक सार्वजनिक मंच से यह बड़ा कबूलनामा किया है। इलियास ने स्वीकार किया कि 7 मई 2025 को भारतीय वायुसेना के सटीक हमले में अजहर के परिवार के सदस्य टुकड़ों-टुकड़ों में बिखर गए।
इसे भी पढ़ें- Operation Sindoor: आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान को कड़ा संदेश दे रहा भारतीय सेना का नया वीडियो
यह खुलासा न केवल आतंकी नेटवर्क को झकझोर रहा है, बल्कि भारत की निर्णायक कार्रवाई की सफलता को भी रेखांकित करता है। ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य था पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी बुनियादी ढांचे को नेस्तनाबूद करना। यह हमला 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला था, जिसमें 26 निर्दोष लोग मारे गए थे। भारतीय खुफिया एजेंसियों की सटीक जानकारी पर आधारित इस ऑपरेशन में वायुसेना ने मिसाइलों से नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय जामिया मस्जिद सुब्हान अल्लाह प्रमुख था, जहां मसूद अजहर का परिवार और करीबी सहयोगी छिपे हुए थे।
हमले में जैश का हेडक्वार्टर पूरी तरह तबाह हो गया और अजहर के परिवार के कम से कम 10 सदस्यों की मौत हो गई। मसूद इलियास कश्मीरी, जो जैश के उपदेश विंग का प्रमुख और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है, ने पाकिस्तान के एक कार्यक्रम में यह कबूलनामा किया। इलियास अजहर का करीबी सहयोगी है और युवाओं को ब्रेनवॉश करने में सक्रिय भूमिका निभाता है। उसने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर में मसूद का परिवार रेजा-रेजा हो गया। हमले ने उनके कुनबे को चिथड़ों में बांट दिया।”
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतकों में अजहर की बड़ी बहन और उसका पति, इस्लामिक विद्वान भतीजा, उसकी पत्नी, भतीजी, पांच बच्चे, पुरानी दोस्त हजीफा, उसकी मां और दो अन्य सहकर्मी शामिल थे। कुल 14 लोग शहीद हो गए, जैसा कि जैश ने अपने बयान में दावा किया। मसूद अजहर ने खुद एक उर्दू बयान जारी कर दर्द व्यक्त किया था। वह फूट-फूटकर रोया और कहा, “मैं शब्दों से परे दुखी हूं, लेकिन मुझे न तो खेद है, न डर। अल्लाह से प्रार्थना है कि मुझे इन 14 शहीदों में शामिल कर लें।” अजहर का भाई अब्दुल रऊफ अजहर, जो कंधार हाईजैक का मास्टरमाइंड था, भी इस हमले में मारा गया।
रऊफ पठानकोट और अन्य हमलों में शामिल रहा था। अजहर परिवार का अधिकांश कुनबा आतंकी गतिविधियों से जुड़ा है। अजहर के पांच भाई (मोहम्मद ताहिर, इब्राहिम, रऊफ आदि) और छह बहनें (जहरा बीवी, अब्दा बीवी आदि) हैं, जिनमें से कई जैश से जुड़े हैं। यह घटना भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को दर्शाती है। भारतीय सेना की प्रवक्ता कर्नल सोफिया कुरेशी ने प्रेस ब्रीफिंग में पुष्टि की थी कि हमला JeM के मुख्यालय पर किया गया था, जहां से पुलवामा, पठानकोट और संसद हमले जैसे कांडों की साजिश रची गई थी।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई, जबकि श्रीनगर एयरपोर्ट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया। पाकिस्तान ने हमले को नकारा, लेकिन जैश के कबूलनामे ने सच्चाई उजागर कर दी। मसूद अजहर, जो 1999 के कंधार हाईजैक में रिहा हुआ था, भारत का मोस्ट वांटेड है। उसके संगठन ने 2001 संसद, 2016 पठानकोट, 2019 पुलवामा जैसे हमलों को अंजाम दिया। ऑपरेशन सिंदूर ने न केवल जैश को कमजोर किया, बल्कि वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ संदेश दिया। एनआईए और अन्य एजेंसियां अब अन्य फरार सदस्यों की तलाश में जुटी हैं। यह कबूलनामा आतंकी गिरोहों के लिए चेतावनी है कि भारत अब किसी भी साजिश को बर्दाश्त नहीं करेगा।
इसे भी पढ़ें- Operation Sindoor: IAF के ताकतवर एक्शन से पाकिस्तान को भारी नुकसान, विदेशी विशेषज्ञ भी हैरान