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Cyber Fraud: यूपी में साइबर ठगी का जाल, STF ने कई जिलों में फैले गिरोह पर कसा शिकंजा

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Cyber Fraud

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  • STF ने कई जिलों में फैले गिरोह पर कसा शिकंजा
  • गिरोह की कार्यप्रणाली, फर्जी लोन और म्यूल अकाउंट का खेल
  • STF की बड़ी कार्रवाई, गिरफ्तारियां और बरामदगी
  • ठगों के उड़े होश, व्यापक नेटवर्क और आगे की जांच

लखनऊ, 16 सितंबर 2025। Cyber Fraud: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने हाल ही में राज्य के कई जिलों में फैले साइबर ठगी के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस गिरोह में छह बैंक मैनेजरों समेत कम से कम 12 एजेंटों का नाम सामने आया है, जो रडार पर हैं। ठगों के उड़े होशों के बीच यह मामला साइबर क्राइम की नई मिसाल बन गया है। लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा समेत कई जिलों में सक्रिय यह गिरोह फर्जी दस्तावेजों और बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था।

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STF की कार्रवाई से न केवल गिरफ्तारियां हुईं, बल्कि पूरे नेटवर्क का खुलासा भी हो गया, जो बिहार, दिल्ली, हरियाणा तक फैला हुआ था। यह गिरोह मुख्य रूप से मुद्रा लोन, ऑटो लोन और ऑनलाइन फ्रॉड के जरिए लोगों को लूटता था। लखनऊ में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के ब्रांच मैनेजर गौरव सिंह सहित चार लोगों को STF ने गिरफ्तार किया। ये आरोपी बैंक कर्मचारियों की आईडी और पासवर्ड हैक करके फर्जी दस्तावेजों से लोन पास कराते थे। जरूरतमंद लोगों से संपर्क कर उनके आधार, पैन कार्ड जैसे दस्तावेज लेते, फिर कूटरचित कागजात तैयार कर बैंक में जमा कर देते। इससे करोड़ों रुपये का फर्जी लोन निकल जाता, जिसका बोझ असली ग्राहकों पर आ जाता।

गाजियाबाद के विजयनगर में STF ने एक सोसाइटी पर छापा मारा, जहां साइबर ठगों के मददगार गैंग सक्रिय था। यह गैंग कमीशन पर म्यूल अकाउंट (फर्जी बैंक खाते) उपलब्ध कराता था, जिनका इस्तेमाल गेमिंग ऐप्स, क्रिप्टो करेंसी और ऑनलाइन ठगी में होता था। इसके अलावा, बड़े नोट बदलने के नाम पर रद्दी नोट थमा कर भी ठगी की जाती। गिरोह के सदस्य बाथरूम को सीक्रेट रूम की तरह इस्तेमाल करते, जहां असली नोटों के ऊपर-नीचे नकली नोट रखकर धोखा देते।

STF की बड़ी कार्रवाई

13 सितंबर को लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी में STF की साइबर टीम ने छापेमारी की, जिसमें यूनियन बैंक मैनेजर समेत इंद्रजीत सिंह, ओम प्रकाश और एक अन्य आरोपी पकड़े गए। गौरव सिंह अपनी सहकर्मियों की आईडी से लॉगिन कर फर्जी आवेदन पास करता था। वहीं, 11-12 सितंबर को गाजियाबाद के गौर सिद्धार्थम सोसाइटी में छापे में सरगना शुभम राज उर्फ बाबा (बिहार के छपरा) समेत छह सदस्य गिरफ्तार हुए। इनमें प्रदीप कुमार, धीरज मिश्रा, सोनू कुमार, अमरजीत कुमार और अनुराग शामिल थे। छापे में 25.60 लाख रुपये नकद, नोट गिनने की मशीन, 100 से अधिक म्यूल अकाउंट, फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए।

STF ने HDFC और बंधन बैंक के दो मैनेजरों पर भी शक जताया है, जो कमीशन लेकर संदिग्ध अकाउंट खोलते थे। कुल मिलाकर, छह बैंक मैनेजरों और 12 एजेंटों का नेटवर्क STF के रडार पर है, जिनकी तलाश जारी है। इस गिरोह का दायरा यूपी की राजधानी लखनऊ, गाजियाबाद, नोएडा, गौतमबुद्धनगर से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश, पंजाब तक फैला था। STF के एडिशनल एसपी विशाल विक्रम ने बताया कि यह नेटवर्क साइबर फ्रॉड के लिए म्यूल अकाउंट और नकली नोटों का बड़ा सिस्टम चला रहा था।

गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में और नाम उजागर हो रहे हैं। ठगों के होश उड़ गए हैं, क्योंकि STF अब पूरे चेन को तोड़ने पर जुटी है। यह कार्रवाई साइबर क्राइम के खिलाफ यूपी पुलिस की सख्ती को दर्शाती है। भविष्य में ऐसी ठगी रोकने के लिए बैंकिंग सिस्टम में सतर्कता बढ़ाने की जरूरत है।

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